News Breaking
Live
wb_sunny

Breaking News

दीघा मंदिर विवाद- पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवादार से पूछताछ:डेढ़ घंटे सवाल-जवाब हुए; नवकलेवर की बची लकड़ी देने का आरोप

दीघा मंदिर विवाद- पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवादार से पूछताछ:डेढ़ घंटे सवाल-जवाब हुए; नवकलेवर की बची लकड़ी देने का आरोप

Latest update:

दीघा मंदिर विवाद- पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवादार से पूछताछ:डेढ़ घंटे सवाल-जवाब हुए; नवकलेवर की बची लकड़ी देने का आरोप

उन पर पुरी मंदिर के नवकलेवर अनुष्ठान में बची लकड़ी दीघा मंदिर की मूर्तियां बनाने के लिए देने का आरोप है। SJTA के मुख्य प्रशासक और IAS अधिकारी अरबिंद पाधी ने उ... Brought to you by HeadlinesNow.com

दीघा मंदिर विवाद- पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवादार से पूछताछ:डेढ़ घंटे सवाल-जवाब हुए; नवकलेवर की बची लकड़ी देने का आरोप news image
उन पर पुरी मंदिर के नवकलेवर अनुष्ठान में बची लकड़ी दीघा मंदिर की मूर्तियां बनाने के लिए देने का आरोप है। SJTA के मुख्य प्रशासक और IAS अधिकारी अरबिंद पाधी ने उन्हें तलब किया था। पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने रविवार को दीघा मंदिर मामले में सेवादार रामकृष्ण दासमोहपात्रा से पूछताछ की। पूछताछ करीब 90 मिनट तक चली। दासमोहपात्रा से पूछा गया कि क्या उन्होंने दैतापति निजोग के सचिव के रूप में पुरी मंदिर से लकड़ी लेकर दीघा मंदिर की मूर्तियां बनवाईं। साथ ही पुरी मंदिर में लकड़ियां रखने के स्टोर रूम 'दारु गृह' की चाबियों और दीघा मंदिर की मूर्तियों में 'ब्रह्म पदार्थ' स्थापित करने को लेकर भी सवाल हुए। 'ब्रह्म पदार्थ' को भगवान जगन्नाथ की आत्मा माना जाता है। इसे नवकलेवर अनुष्ठान के दौरान पुरानी मूर्ति से नई मूर्ति में स्थापित किया जाता है। कानून मंत्री ने SJTA से जांच के लिए कहा था एक अधिकारी ने बताया कि SJTA ने सभी सेवक संघों को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी है। दीघा मंदिर में स्थापित मूर्तियां बनाने के लिए दारू गृह से लकड़ी चोरी को लेकर पुलिस में दो शिकायतें भी दर्ज की गई हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया था कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवादार दीघा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए। साथ ही उन्होंने दीघा मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां बनाने के लिए पुरी मंदिर की 2015 के नवकलेवर से बची नीम की लकड़ी दी। नवकलेवर हर 12 या 19 साल में होने वाला अनुष्ठान है। इसमें पुरी मंदिर में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की लकड़ी की मूर्तियां बदली जाती हैं। मामला सामने आने पर ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने 2 मई को SJTA से मामले की जांच करने को कहा था। इसके अलावा पुजारियों, भक्तों, विद्वानों और पंडितों ने दीघा मंदिर को 'जगन्नाथ धाम' कहे जाने पर भी आपत्ति जताई थी। मंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'इस घटना ने श्रद्धालुओं और ओडिशा के 4। 5 करोड़ लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। ' दीघा मंदिर के लिए मूर्तियां पुरी से गईं दीघा मंदिर को लकड़ी देने का आरोप पर रामकृष्ण दासमोहपात्रा ने कहा था, 'मैंने कभी नहीं कहा कि पुरी मंदिर की लकड़ी का इस्तेमाल दीघा में मूर्ति बनाने के लिए किया गया। मैंने मंदिर अधिकारियों से कहा था कि भगवान जगन्नाथ की पत्थर की मूर्तियों की पूजा नहीं की जा सकती। ' उन्होंने बताया था, 'इसके बाद प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए मैं यहां (पुरी) से नीम की लकड़ी की मूर्ति ले गया। मैंने किसी टेलीविजन चैनल को ब्रह्म पदार्थ की स्थापना के बारे में भी कुछ नहीं बताया है। न ही मैंने मूर्ति पर ऐसी कोई सामग्री रखी है। मैंने पूजा के दौरान निर्धारित प्रक्रियाओं की निगरानी की है। ' मंदिर विवाद पर किसने क्या कहा।

Posted on 05 May 2025 | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.

Post a Comment