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Prabhasakshi NewsRoom: India-China तनाव पर आया Russia का बयान, संबंधों में गिरावट को पश्चिमी देशों की साजिश बताया - International

Prabhasakshi NewsRoom: India-China तनाव पर आया Russia का बयान, संबंधों में गिरावट को पश्चिमी देशों की साजिश बताया - International

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Prabhasakshi NewsRoom: India-China तनाव पर आया Russia का बयान, संबंधों में गिरावट को पश्चिमी देशों की साजिश बताया - International

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मुख्य विवरण

इसके लिए प्रयास भी शुरू हो गये हैं।

पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य संघर्ष के दौरान खुल कर भारत का साथ देने वाला रूस अब चाह रहा है कि भारत और चीन के संबंधों में तनाव कम हो।

हम आपको बता दें कि रूस के चीन के साथ बहुत मित्रवत संबंध हैं और वह चाह रहा है कि भारत भी अब चीनियों के साथ संबंध सुधारे।

इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि दरअसल पश्चिमी देश भारत और चीन को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस की खबर के मुताबिक, लावरोव ने मॉस्को में ‘सीमाओं के बिना संस्कृति: सांस्कृतिक कूटनीति की भूमिका और विकास’ विषय पर आयोजित डिप्लोमैटिक क्लब की बैठक में यह टिप्पणी की।

रूसी विदेश मंत्री ने कहा, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हालिया घटनाक्रमों पर गौर करें, जिसे पश्चिम ने अपनी नीति को स्पष्ट रूप से चीन विरोधी रुझान देने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र कहना शुरू कर दिया है- इस उम्मीद के साथ भी कि इससे हमारे महान मित्रों और पड़ोसी देशों भारत व चीन के बीच टकराव पैदा किया जा सकेगा।

” हम आपको बता दें कि चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए स्थापित चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के मुखर आलोचक लावरोव ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के सैन्य गठबंधन एयूकेयूएस के गठन के बाद इसकी आलोचना कम कर दी है।

क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

विशेष जानकारी

लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश एशिया में आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा, “पश्चिमी सहयोगी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी प्रभावशाली भूमिका में आना चाहते हैं।

वे आसियान की केंद्रीय भूमिका को कमजोर करना चाहते हैं, जो कई दशकों से सभी के लिए अनुकूल थी और जो आसियान देशों और उनके सहयोगियों की ओर से राजनीति के क्षेत्र में, सैन्य सहयोग के क्षेत्र में और रक्षा के क्षेत्र में बातचीत में कायम एकमत पर आधारित थी।

” इसे भी पढ़ें: अरुणाचली चाल है पाक के हक में चीन की बौखलाहट हम आपको बता दें कि आसियान दक्षिण-पूर्वी एशिया के 10 देशों का एक क्षेत्रीय समूह है, जिसका उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।

इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम इसके सदस्य देश हैं।

रूसी विदेश मंत्री ने कहा, “आम सहमति के नियम, साझा आधार की तलाश-इन सभी को हमारे पश्चिमी सहयोगी धीरे-धीरे दरकिनार करना शुरू कर रहे हैं और कुछ आसियान देशों को एकीकृत मंचों के बजाय खुले तौर पर प्रतिरोधी मंचों से जुड़ने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं।

” उन्होंने यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था का भी आह्वान किया।

लावरोव ने कहा, “यूरेशिया जैसा कोई दूसरा महाद्वीप नहीं है, जहां इतनी।

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Posted on 16 May 2025 | Source: Prabhasakshi | Check HeadlinesNow.com for more coverage.

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