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ईरान संकट: 5 साल में 9 कमांडर, 7 वैज्ञानिकों की मौत? विश्व चिंतित Iran Nuclear Deal Violation Worries Rise
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु देखरेख संस्था (IAEA) द्वारा ईरान के परमाणु समझौते के उल्लंघन की पुष्टि के बाद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है।
इजरायल और अमेरिका इस बात को लेकर गंभीर हैं कि ईरान के हाथों में परमाणु हथियार आने से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है।
इजरायल द्वारा 13 जून को ईरान पर किए गए हमलों को उसने अपने अस्तित्व पर बढ़ते परमाणु खतरे से निपटने की कार्रवाई बताया है।
विश्लेषकों का मानना है कि ये हमले 'डिकैपिटेशन स्ट्राइक' रणनीति का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य ईरान के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाकर उसकी कमान प्रणाली को कमजोर करना था।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस हमले का लक्ष्य केवल परमाणु कार्यक्रम को नुकसान पहुँचाना ही नहीं था, बल्कि ईरान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता को भी सीमित करना था।
2020 में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ईरानी सेना और परमाणु कार्यक्रम में अस्थिरता देखी जा रही है।
पिछले पाँच वर्षों में 9 सैन्य कमांडरों और 7 परमाणु वैज्ञानिकों की मौत ने विश्व को गंभीर रूप से चिंतित किया है।
यह घटनाक्रम ग्लोबल सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है और संयुक्त राष्ट्र के लिए इस पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है।
इस संवेदनशील विदेश नीति स्थिति का अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चिंता बढ़ी
- इजरायल के हमले और डिकैपिटेशन स्ट्राइक रणनीति
- सुलेमानी की मौत के बाद से अस्थिरता
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Posted on 15 June 2025 | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.
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