आपातकाल: 50 साल बाद राजनीति का क्या सबक? चुनाव, नेता और कांग्रेस का इतिहास Emergency Impacted Indian Politics Deeply
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आपातकाल: 50 साल बाद राजनीति का क्या सबक? चुनाव, नेता और कांग्रेस का इतिहास Emergency Impacted Indian Politics Deeply
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 50 वर्ष पूर्व लागू हुए आपातकाल ने भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को 'आंतरिक अशांति' का हवाला देते हुए आपातकाल की घोषणा की थी, जिसे कई विद्वान उनके सत्ता को बचाने के प्रयास के रूप में देखते हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी को चुनाव में अनियमितता का दोषी पाए जाने और गुजरात में कांग्रेस की हार के बाद यह निर्णय लिया गया था।
यह निर्णय युवाओं के नवनिर्माण आंदोलन और बांग्लादेश विभाजन के बाद इंदिरा गांधी की छवि को प्रभावित करने वाले कारकों से भी जुड़ा था।
आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रताएँ कुंठित हुईं और प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई।
1977 में हुए चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई और इंदिरा गांधी को आपातकाल वापस लेना पड़ा।
यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने चुनाव प्रक्रिया, नेताओं की जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर बहस को जन्म दिया।
बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों ने इस घटना को अपने भाषणों और रणनीतियों में शामिल किया है।
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ हमें लोकतंत्र की रक्षा के महत्व और सत्ता के दुरुपयोग के खतरों को याद दिलाती है।
इस घटना ने भारतीय राजनीति में गहरी छाप छोड़ी है और आज भी इसका अध्ययन किया जाता है।
- आपातकाल: इंदिरा गांधी का सत्ता बचाव?
- चुनाव हार और आपातकाल का संबंध
- लोकतंत्र और सत्ता का दुरुपयोग
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Posted on 19 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.