Match update:

पटौदी पदक: क्या बचेगी क्रिकेट की विरासत? तेंदुलकर का ECB-BCCI से अनुरोध Tendulkar Saves Pataudi Trophy Legacy
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, सचिन तेंदुलकर ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में पटौदी की विरासत को बचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है।
ECB ने पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद आगामी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ का नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखने की घोषणा हुई थी।
हालांकि, इस फैसले पर व्यापक विरोध हुआ, जिसके बाद क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने पटौदी की विरासत को बनाए रखने के लिए BCCI और ECB के अधिकारियों से बात की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेंदुलकर के अनुरोध को ECB ने स्वीकार कर लिया है।
अब विजेता टीम के कप्तान को स्वर्गीय एमएके पटौदी के नाम पर एक पदक प्रदान किया जाएगा।
ECB के एक अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है, जिससे भारत-इंग्लैंड क्रिकेट मैचों में पटौदी का कनेक्शन बना रहेगा।
पटौदी ट्रॉफी 2007 में भारत के अपने पहले टेस्ट की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए शुरू की गई थी।
यह याद दिलाता है कि कैसे 21 साल की उम्र में पटौदी सबसे कम उम्र के भारतीय टेस्ट कप्तान बने थे और उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड और भारत के बीच क्रिकेट के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यह कदम क्रिकेट के इतिहास के प्रति सम्मान और विजेता खिलाड़ियों के लिए एक प्रतिष्ठित पुरस्कार के रूप में काम करेगा।
इस विकास से भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड की टीम के बीच मैचों में एक नया आयाम जुड़ गया है।
इस नए फैसले से क्रिकेट प्रशंसकों में उत्साह और रोमांच का माहौल बन गया है।
यह घोषणा क्रिकेट जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
- तेंदुलकर ने पटौदी विरासत बचाने में की अहम भूमिका
- ECB ने विजेता कप्तान को पटौदी पदक देने की पुष्टि की
- भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में पटौदी का कनेक्शन बना रहेगा
Related: Top Cricket Updates | Latest National News
Posted on 17 June 2025 | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.
0 टिप्पणियाँ