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भारत-अमेरिका रक्षा समझौता: क्या F-414 इंजन विश्व पटल पर बदलाव लाएगा? India Ge F414 Engine Deal
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारत अब विश्व स्तर पर एफ-414 टर्बोफैन इंजन का निर्माण करेगा।
यह जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) का अत्याधुनिक इंजन है, जो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और स्वीडन जैसे देशों के लड़ाकू विमानों में प्रयुक्त होता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में इस इंजन के निर्माण से भारत को न केवल एक उन्नत प्रौद्योगिकी मिलेगी, बल्कि यह देश की रक्षा क्षमता को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह समझौता केवल एक व्यावसायिक सौदा नहीं है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का प्रमाण है, जो ग्लोबल स्तर पर दोनों देशों की सामरिक साझेदारी को दृढ़ करता है।
एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील के अनुसार, तकनीकी हस्तांतरण का 80 प्रतिशत समझौता पूरा हो चुका है, जिससे भारत को न केवल इंजन मिलेंगे बल्कि उनका निर्माण करने की तकनीक भी प्राप्त होगी।
यह विश्व के सामरिक संतुलन को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रक्षा क्षमता में वृद्धि दर्शाता है।
इस समझौते से संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी और विदेश नीति को मजबूती मिलेगी।
इस घटनाक्रम से चीन और पाकिस्तान जैसे देशों में चिंता पैदा होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
यह विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है जो भविष्य के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
- भारत को मिलेगा F-414 इंजन निर्माण की तकनीक
- अमेरिका के साथ बढ़ता रक्षा सहयोग, ग्लोबल स्तर पर प्रभाव
- क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बदलाव की संभावना
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Posted on 28 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.
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