मिथुन संक्रांति: धर्म, पूजा और पितृ तर्पण का महत्व | आज क्या करें? Gemini Transit Sun Sign Astrology

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मिथुन संक्रांति: धर्म, पूजा और पितृ तर्पण का महत्व | आज क्या करें? Gemini Transit Sun Sign Astrology

हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आज 15 जून को मिथुन संक्रांति है, ज्योतिषीय दृष्टि से यह महत्वपूर्ण दिन सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं और यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, मिथुन संक्रांति पर सूर्य को जल अर्पित कर दिन की शुरुआत करनी चाहिए।

तांबे के लोटे में जल, चावल और लाल फूल डालकर, 'ऊँ सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य चढ़ाना चाहिए।

साथ ही, सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करना, शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना शुभ माना जाता है।

'नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।

दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।

इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्।

त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।

' इस मंत्र के साथ सूर्य पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

घर के मंदिर में सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र की भी पूजा की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त, संक्रांति के दिन सूर्य से जुड़ी वस्तुएँ जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूँ, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है।

पितरों के लिए धूप-दीप और गुड़ का दान करने की भी परंपरा है।

यह दिन धर्म, पूजा और आध्यात्मिक प्रगति के लिए समर्पित करने योग्य है।

इस दिन किए गए दान-पुण्य से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और देवता की कृपा प्राप्त होती है।

मिथुन संक्रांति के शुभ अवसर पर अपने जीवन को धर्म और आध्यात्मिकता से जोड़ने का प्रयास करें।

  • मिथुन संक्रांति पर सूर्य पूजन का विधान
  • पितरों के लिए धूप-दीप और गुड़ का दान
  • दान-पुण्य से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन

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Posted on 16 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.

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