मीडिया की विश्वसनीयता: राजनीति पर क्या प्रभाव? चुनाव से पहले सवाल? Media Credibility Impacts Indian Politics
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मीडिया की विश्वसनीयता: राजनीति पर क्या प्रभाव? चुनाव से पहले सवाल? Media Credibility Impacts Indian Politics
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, मीडिया की विश्वसनीयता पर लगातार उठ रहे सवाल, भारतीय राजनीति के माहौल को प्रभावित कर रहे हैं।
आकाशवाणी और दूरदर्शन के शुरुआती दिनों की विश्वसनीयता आज के दौर में एक आदर्श बनकर रह गई है।
उस समय, चौराहों पर चाय की दुकानों पर लोग बिना किसी संकोच के आकाशवाणी के समाचार सुनते थे; सुबह 8 बजे और रात 8:45 बजे के राष्ट्रीय समाचार बुलेटिन और सायं 7 बजे के प्रादेशिक समाचारों का इंतजार बेसब्री से किया जाता था।
यह स्वर्णकाल इसलिए भी यादगार है क्योंकि सरकारी नियंत्रण के बावजूद, आम आदमी से लेकर विपक्षी नेता तक समाचारों की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाते थे।
आकाशवाणी के कार्यक्रमों से लोग अपनी घड़ियाँ तक मिलाते थे।
यह विश्वसनीयता उस समय के मीडियाकर्मियों की कड़ी मेहनत, लगन और निष्पक्षता का परिणाम थी।
आज, सोशल मीडिया और निजी समाचार चैनलों के दौर में, तथ्यों की जाँच और निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
यह राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस और बीजेपी जैसे प्रमुख दलों, के लिए चुनावों से पहले एक बड़ी चुनौती बन गया है।
झूठी खबरों और प्रोपेगैंडा का प्रसार, जनता के विश्वास को कमजोर कर रहा है, जिससे राजनीतिक प्रक्रिया ही प्रभावित हो रही है।
यह आवश्यक है कि मीडिया अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए, निष्पक्ष और सत्य समाचारों का प्रसार करे, ताकि लोकतंत्र मज़बूत रहे।
इस चुनौती से पार पाने के लिए नेताओं को भी अपनी भूमिका को समझना होगा और जनता को सचेत करना होगा।
आज की परिस्थिति में, मीडिया की विश्वसनीयता भारतीय राजनीति और आगामी चुनावों के लिए एक अहम मुद्दा बन गया है।
- आकाशवाणी की विश्वसनीयता: एक आदर्श
- राजनीतिक दलों के लिए चुनौती
- झूठी खबरों का खतरा, लोकतंत्र पर प्रभाव
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Posted on 18 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.