Spiritual update:

मोरारी बापू विवाद: धर्म और सूतक का प्रश्न? आध्यात्मिक विमर्श में उठे सवाल Ramkathabapu Controversy Varanasi Widow Suitak
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में चल रही मोरारी बापू की रामकथा को लेकर एक विवाद उत्पन्न हुआ है।
11 जून को उनकी पत्नी नर्मदाबा के निधन के बाद, सूतक काल में उनकी ओर से काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक करने तथा रामकथा का आयोजन जारी रखने पर कई संतों और काशी विद्वत परिषद ने आपत्ति जताई है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूतक काल में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और तीर्थयात्रा वर्जित मानी जाती है।
इस घटनाक्रम के बाद, 14 जून को गोदौलिया चौराहे पर कुछ लोगों ने मोरारी बापू का पुतला भी फूंका।
विवाद बढ़ने पर मोरारी बापू ने अपनी कथा के दौरान क्षमा याचना की और मानस क्षमा कथा का आयोजन करने की बात कही।
यह घटना धर्म, आध्यात्मिक परंपराओं और सूतक जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक नियमों पर बहस को फिर से जन्म दे रही है।
इस पूरे मामले ने देवता, मंदिर और पूजा जैसे पहलुओं पर भी सवाल खड़े किए हैं।
घटना से जुड़े विद्वानों का मानना है कि सूतक काल का पालन करना धर्म की दृष्टि से आवश्यक है।
यह विवाद दर्शाता है कि धार्मिक परंपराओं और आधुनिक जीवनशैली के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
- मोरारी बापू की पत्नी के निधन के बाद सूतक काल में कथा और दर्शन
- संतों और विद्वानों ने जताया विरोध, पुतला दहन
- मोरारी बापू ने मांगी माफ़ी, धर्म पर बहस छिड़ी
Related: Education Updates | Health Tips
Posted on 17 June 2025 | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.
0 टिप्पणियाँ