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जयशंकर का रूसी तेल पर कड़ा रुख: क्या विश्व व्यापार में बदलाव आएगा? Jaishankar Rejects Oil Import Pressure
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल आयात को लेकर अमेरिका और यूरोप के दबाव का मुँहतोड़ जवाब दिया है।
इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फ़ोरम 2025 में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि अमेरिका और यूरोपीय देशों को भारत से तेल या रिफाइंड उत्पादों की खरीद में कोई समस्या है, तो वे इसे खरीदना बंद कर सकते हैं।
कोई भी देश भारत को व्यापार करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
जयशंकर ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि एक व्यापार-समर्थक देश होने का दावा करने वाले अमेरिकी प्रशासन द्वारा व्यापारिक गतिविधियों पर आरोप लगाना विरोधाभासी है।
उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य व्यापारिक संबंध है और इसमें कोई गुप्त बात नहीं है।
भारत की प्राथमिकता अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करना है, और इस मामले में भारत किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत रूसी तेल खरीदने वाला अकेला देश नहीं है।
यह ग्लोबल स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
यह विश्व अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय बन सकता है।
जयशंकर के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है और विदेश नीति में भारत के दृढ़ रुख को दर्शाता है।
- जयशंकर ने रूसी तेल व्यापार पर अमेरिका-यूरोप को दिया तीखा जवाब।
- भारत ने अपने किसानों और उत्पादकों के हितों की रक्षा करने का संकल्प दोहराया।
- ग्लोबल स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है।
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Posted on 24 August 2025 | Check HeadlinesNow.com for more coverage.
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