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वेदांता पर न्यायिक जांच: उच्चतम न्यायालय में सुनवाई स्थगित उद्योग Justice Recuses Vedanta Case Hearing
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने वेदांता समूह के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
यह याचिका अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च के आरोपों की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करती है।
वायसराय रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाला खनन समूह वित्तीय रूप से अस्थिर है और लेनदारों के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा कर रहा है।
रिपोर्ट में उच्च-मूल्य वाले लेनदेन में अनियमितताओं का दावा किया गया है, जिसमें संबंधित पक्षों का सही-सही खुलासा न होना और शेयरधारकों की अनिवार्य मंजूरी न लेना शामिल है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता शक्ति भाटिया ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्होंने एमसीए21 फाइलिंग, सेबी के खुलासे और कंपनी रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड की स्वतंत्र समीक्षा करके वायसराय रिपोर्ट के कुछ हिस्सों की पुष्टि की है।
न्यायमूर्ति चंद्रन के अलग होने के बाद, मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने इस मामले की सुनवाई आगे के लिए स्थगित कर दी है।
यह मामला भारतीय उद्योग, शेयर बाजार और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय निहितार्थ रखता है, क्योंकि यह कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाता है।
इस घटनाक्रम से मार्केट में शेयरों के मूल्य पर भी असर पड़ने की संभावना है।
इस मामले में आगे की सुनवाई से वेदांता समूह के भविष्य और शेयरधारकों के निवेश पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
- उच्चतम न्यायालय ने वेदांता मामले में सुनवाई स्थगित की।
- वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट ने उठाए गंभीर वित्तीय प्रश्न।
- शेयर बाजार और निवेशकों पर पड़ सकता है प्रभाव।
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Posted on 08 September 2025 | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.
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