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01/07/2020

शिवपुरी की बेटी अपूर्वा द्वारा लिखी कबिता "ख्वाब" जरूर पढ़िए

सुना है ख्वाबों की  कोई दुनिया नहीं होती ख्वाब मुकम्मल हो  तो ज़िन्दगी बन जाती है। ख्वाइश फींकी रह जाती है अगर सपना न हो सपना अधुरा ...

20/04/2020

अंधविश्वास को ले कर पेश है एक बहुत अच्छी कविता,पढ़िये जरूर

इंसान बन इंसानियत निभाऊं मैं, सबसे अच्छा नास्तिक ही बन जाऊं मैं। एक भूखे को भूखा रखकर, मूर्तिपूजा में इतना दुग्ध बहाऊँ मैं। इससे अच्...

10/04/2020

घर बैठे बैठे पढ़िए एक और कविता हमारे साथ

तू रूठा हुआ लगता है तेरा रूत जाना भी जायज लगता है गलती जो करते हम तो माफ़ी मांग लेते पर हमारे गुनाहो पर तेरा सजा देना भी मुनासिब लगता है जब  ...

03/04/2020

कोरोना से बचाव के लिए क्या करें पढ़िए कविता के माध्यम से

कोरोना से बचने के नित ये प्रयास हैं कि प्रतिपल भुजबल कर धो के आना है आँख कान नाक आदि प्राण के प्रतीक हैं ये भूल के भी इन्हे कभी हाथ ...

02/04/2020

आप लोगो के लिए कोरोना महामारी को ले कर प्रस्तुत है एक बहुत ही अच्छी कविता,पढ़िए जरूर

कोरोना, क्यों है तुझे लेकर रोना। मैं हाथ धुलूँ, चेहरे को न छुऊँ, और दूर सभी से रहूँ। घर से न निकलूँ बार-बार, कर दूँ मैं तुझे ज़ार-ज़ार...