नए वक्फ कानून पर मुस्लिम लॉ बोर्ड का हलफनामा:कहा- सभी संपत्तियां 2013 में रजिस्टर हुईं; केंद्र का दावा- 11 साल में प्रॉपर्टी 116% बढ़ी
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नए वक्फ कानून पर मुस्लिम लॉ बोर्ड का हलफनामा:कहा- सभी संपत्तियां 2013 में रजिस्टर हुईं; केंद्र का दावा- 11 साल में प्रॉपर्टी 116% बढ़ी
बोर्ड ने 1 मई को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि पोर्टल पर दिख रही सभी प्रॉपर्टियां 2013 में ही रजिस्टर हुई थीं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र पर वक्फ मामले में सुप्रीम कोर्ट में गलत डेटा पेश करने का आरोप लगाया। केंद्र के हलफनामे में यह बात न होने पर बोर्ड ने इसे 'झूठा हलफनामा' कहा है। साथ ही अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से हलफनामा दायर करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। केंद्र ने 25 अप्रैल को अपने हलफनामे में कहा था कि 2013 तक कुल वक्फ प्रॉपर्टी 18 लाख 29 हजार 163। 896 एकड़ थी। 2014 से 2025 के 11 साल यह 20 लाख 92 हजार 72। 563 एकड़ (116%) बढ़ गई, यानी 2025 में कुल वक्फ प्रॉपर्टी 39 लाख एकड़ से ज्यादा हो गई। मामले में 5 मई को सुनवाई होगी। बोर्ड ने केंद्र के हलफनामें को संदिग्ध बताया
बोर्ड ने कहा- ऐसा लगता है केंद्र अपने हलफनामे में कह रहा है कि 2013 से पहले रजिस्टर्ड सभी वक्फ प्रॉपर्टियां वक्फ मैनेजमेंट पोर्टल के चालू होते ही तुरंत अपलोड कर दी गई थीं। हलफनामे के '2013 में वक्फ प्रॉपर्टियां' वाले कॉलम में प्रॉपर्टियों की संख्या को ही रजिस्टर्ड संपत्तियां कहना शरारतभरा है। मालूम होता है कि हलफनामा दायर करने वाले अधिकारी ने जानबूझकर यह नहीं बताया कि सभी प्रॉपर्टियों को 2013 में ही पोर्टल पर अपलोड किया गया था। हलफनामा दायर करने वाले अधिकारी को यह बताना चाहिए कि पोर्टल पर दिख रही सभी प्रॉपर्टियां 2013 में ही रजिस्टर हुई थीं। हलफनामे में यह अहम पहलू गायब है, इसलिए यह संदिग्ध है। बोर्ड बोला- कलेक्टर की शक्तियों पर केंद्र चुप
बोर्ड ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि केंद्र कानून में कलेक्टर की शक्तियों के बारे में चुप है जबकि रजिस्ट्रेशन के महत्व पर 50 से ज्यादा पैराग्राफ हैं। इसके बावजूद केंद्र ने यह साफ नहीं किया कि नए कानून में 'वक्फ बाय यूजर' के कॉन्सेप्ट को हटाने की जरूरत क्यों पड़ी जबकि 1995 के वक्फ कानून धारा 36 के तहत रजिस्ट्रेशन करना पहले से ही जरूरी है। केंद्र बोला- वक्फ में गैर मुस्लिमों का बहुमत नहीं होगा
केंद्र ने 1332 पन्नों के हलफनामे साफ कर दिया कि वक्फ बॉडीज में गैर मुस्लिमों का बहुमत नहीं होगा। हलफनामे में सेंट्रल वक्फ कौंसिल (CWC) और स्टेट वक्फ बोर्ड (SWB) के गठन से जुड़े प्रावधानों का हवाला दिया गया है। सरकार ने कहा कि नए कानून के तहत CWC में कुल 22 सदस्य हैं, जिनमें अधिकतम चार गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। वहीं, SWB में कुल 11 सदस्य होंगे, जिनमें अधिकतम तीन गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। इसके अलावा अगर बॉडीज के पदेन अध्यक्ष यानी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और संयुक्त सचिव भी मुस्लिम हैं तो केवल दो सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं। इससे साफ है कि वक्फ बॉडीज में मुस्लिमों का ही बहुमत रहेगा। केंद्र ने वक्फ को सेक्युलर बॉडी माना था
सरकार ने तर्क दिया कि वक्फ समय के साथ विकसित हुआ है और इसे केवल धार्मिक संस्थानों और पूजा स्थलों तक सीमित नहीं माना जा सकता है। पुराने फैसलों का जिक्र करते हुए सरकार ने कहा कि वक्फ धार्मिक नहीं बल्कि सेक्युलर बॉडी है। इस वजह से वक्फ में गैर-मुस्लिमों से संबंधित मुद्दों पर भी निपटान की जरूरत हो सकती है। यह लाभार्थी, पीड़ित या प्रभावित पक्ष भी हो सकता है। यही वजह है कि वक्फ में गैर-मुस्लिमों की भागीदारी यह करने के लिए यह प्रावधान किया गया है। यही कारण है कि वक्फ की अन्य धार्मिक संस्थानों से तुलना भी ठीक नहीं है। जानिए, नए वक्फ कानून पर अब तक क्या हुआ। ----------------------------------------------------- मामले से जुड़ी यह वक्फ कानून में 14 बड़े बदलाव, महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की वक्फ बोर्ड में एंट्री होगी भारत में रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। करीब 9।
Posted on 04 May 2025 | Check HeadlinesNow.com for more coverage.
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