फिजिकल हेल्थ- ज्यादा गर्मी में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा:233% तक बढ़ सकता है जोखिम, डॉक्टर से जानें किसे ज्यादा रिस्क
फिजिकल हेल्थ- ज्यादा गर्मी में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा:233% तक बढ़ सकता है जोखिम, डॉक्टर से जानें किसे ज्यादा रिस्क
Published on April 29, 2025 | Source: Dainik Bhaskar

साल 2019 की एक गर्म दोपहर। चीन के जिआंग्सू प्रांत में एक बुजुर्ग खेत में काम कर रहे थे। वहां तेज गर्मी में पारा 42 डिग्री पार कर चुका था। घर से निकले तो थोड़े चक्कर आए। उन्हें लगा कि मौसम के कारण ऐसा होगा, लेकिन दोपहर होते-होते वे बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें हार्ट अटैक आया था, हॉस्पिटल पहुंचने तक देर होने से मौत हो गई। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल के मुताबिक, चीन के जिआंग्सू प्रांत में महज 5 साल में 2 लाख से ज्यादा हार्ट अटैक के मामले दर्ज किए गए। इनमें से ज्यादातर मौतें हीट वेव और एयर पॉल्यूशन के कारण हुई थीं। यह स्टडी भले सिर्फ चीन की है, बढ़ती गर्मी से हार्ट अटैक का जोखिम भारत में भी बढ़ रहा है। भारत के कई शहरों में टेम्परेचर 45 डिग्री तक पहुंच रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने कई शहरों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। ज्यादा गर्मी में हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में आज जानेंगे कि एक्सट्रीम हीट में हार्ट अटैक का कितना जोखिम है। साथ ही जानेंगे कि- गर्मी से 233% तक बढ़ सकता है हार्ट अटैक का जोखिम मेडिकल जर्नल सर्कुलेशन में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, अमेरिका में ज्यादा गर्मी की वजह से हार्ट अटैक से हुई मौतें इस सदी के बीच तक 162% तक बढ़ सकती है। अगर ग्रीनहाउस गैसों को कम करने के लिए बहुत कदम नहीं उठाए गए, तो एक अनुमान यह भी है कि 2036 से 2065 के बीच ज्यादा गर्मी की वजह से हार्ट अटैक से हो रही मौतों में 233% तक बढ़ोतरी हो सकती है। गर्मियों में क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का रिस्क? गर्मियों में शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए या टेम्परेचर कंट्रोल करने के लिए ज्यादा पसीना बहाता है। ज्यादा पसीना आने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके लिए स्किन में ब्लड सप्लाई ज्यादा होनी जरूरी है। गर्मियों में ऐसे बढ़ता है हार्ट अटैक का जोखिम गर्मियों में जब टेम्परेचर बहुत ज्यादा हो जाता है तो शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए पसीना बहाता है। पसीना बहाने के इस प्रोसेस में स्किन को ज्यादा मात्रा में खून की जरूरत होती है, जिसके लिए ब्लड फ्लो बढ़ाना पड़ता है। इसके खातिर लिए हार्ट थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। पूरी वजह ग्राफिक में देखिए- किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा? डॉ. अवधेश शर्मा के मुताबिक, ज्यादा गर्मी यानी हीटवेव के दौरान शरीर पर स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे दिल को सामान्य से कहीं ज्यादादा मेहनत करनी पड़ती है। इसका सबसे ज्यादा खतरा इन लोगों को है- हार्ट अटैक से कैसे बचें? जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं है, बल्कि हेल्थ इक्विटी का बड़ा सवाल बन गया है। इससे सबसे ज्यादा खतरा गरीब और बुजुर्ग लोगों को हैै। आने वाले सालों में एक्सट्रीम हीट के कारण कार्डियक हेल्थ सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है। इससे बचने के कुछ आसान उपाय हैं- हाइड्रेशन का ध्यान रखें ज्यादा से ज्यादा पानी और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर ड्रिंक्स पिएं, ताकि शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी न हो। नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे देसी पेय मददगार हैं। तेज धूप से बचें सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें। यह समय सबसे ज्यादा तापमान वाला होता है। हल्के और ढीला कपड़ा पहनें हल्के रंग के, सूती और पसीना सोखने वाले कपड़े पहनें। शरीर को खुला और ठंडा रखें। हार्ट पेशेंट्स नियमित दवा लें अगर आप पहले से ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो दवाएं समय पर लें और डॉक्टर की सलाह से डोज़ में कोई बदलाव न करें। कैफीन और शराब से बचें चाय, कॉफी और शराब डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं और दिल पर दबाव डालते हैं। इनका सेवन सीमित करें। खान-पान में सावधानी रखें तला-भुना, मसालेदार और भारी खाना गर्मियों में दिल पर ज़्यादा लोड डालता है। हल्का, सुपाच्य और फाइबरयुक्त आहार लें। वॉक या वर्कआउट सुबह-शाम करें अगर एक्सरसाइज करते हैं, तो उसे गर्मी के पीक टाइम में न करें। सुबह जल्दी या शाम को हल्की वॉक बेहतर है। एसी और कूलर से निकलते वक्त सावधानी बरतें अगर आप बहुत ठंडे कमरे में हैं, तो सीधे बाहर गर्मी में न निकलें। शरीर को कमरे के तापमान से धीरे-धीरे सामंजस्य बनाने दें। ……………………. सेहत की ये
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