हैरान करने वाला! 28 साल बाद फिर मीन राशि में शनि जयंती, जानिए कृपा?
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हैरान करने वाला! 28 साल बाद फिर मीन राशि में शनि जयंती, जानिए कृपा?

हैरान करने वाला! 28 साल बाद फिर मीन राशि में शनि जयंती, जानिए कृपा?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 27 मई को ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर मनाया जाने वाला शनि प्रकट उत्सव इस वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है।
28 वर्षों के बाद शनिदेव पुनः मीन राशि में विराजमान हैं, जिससे यह शनि जयंती विशेष महत्व रखती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, यह शुभ योग अनेक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
शनिदेव, सूर्यदेव के पुत्र हैं और छाया से जन्मे होने के कारण इनका रंग काला है।
वे नीले वस्त्र धारण करते हैं और इनके भाई-बहन यमराज, मनु और यमुना हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव अपने पिता सूर्य से शत्रुता रखते हैं जबकि बुध और शुक्र उनके मित्र हैं।
गुरु ग्रह से इनका समभावपूर्ण संबंध है, जबकि चंद्रमा और मंगल शत्रु हैं।
शनि ग्रह तुला राशि में उच्च और मेष राशि में नीच का होता है तथा मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव भी ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है; वर्तमान में शनि मीन राशि में होने के कारण कुंभ, मीन और मेष राशि पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।
यह उत्सव धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है, जिससे लाखों भक्तों को आशा और विश्वास की नई किरण मिलती है।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए भक्त विभिन्न पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं।
इस वर्ष की शनि जयंती का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह 28 वर्षों बाद एक दुर्लभ योग है।
इसलिए यह उत्सव धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और मनमोहक है।
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Posted on 25 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.