राजनीति में विषैली वाणी: क्या श्रीकृष्ण का संदेश भुला दिया गया?
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राजनीति में विषैली वाणी: क्या श्रीकृष्ण का संदेश भुला दिया गया?

राजनीति में विषैली वाणी: क्या श्रीकृष्ण का संदेश भुला दिया गया?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पंडित विजयशंकर मेहता के ताज़ा कॉलम ने राजनीतिक गलियारों में एक ज़रूरी बहस छेड़ दी है।
आजकल प्रसिद्धि पाने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, जहाँ विषैली वाणी और निंदा आम बात हो गई है।
मेहता जी ने महाभारत के संदर्भ में इस प्रवृत्ति पर गहरा चिंतन किया है।
उन्होंने कहा है कि पहले ख्याति पाने के तीन मार्ग थे - वाणी, विचार और व्यवहार।
लेकिन अब लोग केवल वाणी के ज़रिए, निंदा और विवाद फैलाकर, प्रसिद्धि प्राप्त करने का आसान रास्ता चुन रहे हैं।
यहाँ तक कि बदनामी को भी नाम कमाने का एक तरीका समझा जा रहा है।
मेहता जी ने द्रौपदी और दुर्योधन के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि दुर्योधन जैसी विषैली वाणी के प्रयोग करने वाले भूल जाते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि जो वाणी से गिरेंगे, मैं उन्हें जीवन से भी गिरा दूँगा।
यह संदेश आज के राजनीतिक माहौल में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जहाँ निंदा और झूठे आरोपों का प्रयोग आम हो गया है।
यह राजनीतिक नेताओं, जनता और मीडिया सभी के लिए एक चिंता का विषय है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक सूचना और गलत बयानों के प्रभावों को कम करने के लिए जागरूकता और जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार की आवश्यकता है।
आज की राजनीति में नैतिकता और सत्यनिष्ठा का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है।
मेहता जी के विचार हमें इस गंभीर समस्या पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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Posted on 22 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.