हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या: शनिदेव की कृपा पाने का राज़?
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हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या: शनिदेव की कृपा पाने का राज़?

हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या: शनिदेव की कृपा पाने का राज़?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 26 और 27 मई को पड़ रही ज्येष्ठ अमावस्या पर शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि इसी तिथि पर शनिदेव का प्रकट हुआ था।
ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित, शनिदेव कर्मफल के दाता हैं।
उनकी कृपा पाना सरल नहीं, परंतु असंभव भी नहीं।
पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 26 मई और कुछ पर 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, सूर्यदेव और छाया के पुत्र शनिदेव, यमराज के भाई और यमुना के भाई हैं।
शनिदेव की तेजस्वी दृष्टि और उनकी पत्नी के शाप के कारण, उनकी पूजा में आँखों में न देखने की परंपरा है।
परंतु, ईमानदार, मेहनती, अनुशासित, नैतिक, और कर्तव्यपरायण लोगों पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है।
ऐसे लोग जीवन में स्थायित्व और उन्नति प्राप्त करते हैं।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए, उनकी पूजा में विधि-विधान का पालन करना अति आवश्यक है।
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित विधि से पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
शनिदेव की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन सुखमय बनता है।
इस ज्येष्ठ अमावस्या पर शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए भक्तों को पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा से पूजा करनी चाहिए।
इस पवित्र अवसर का सदुपयोग कर सभी अपने जीवन को सकारात्मक बना सकते हैं।
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Posted on 28 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.