राजनीति में विषैली वाणी का खेल? श्रीकृष्ण की याद दिलाती ये घटना!
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राजनीति में विषैली वाणी का खेल? श्रीकृष्ण की याद दिलाती ये घटना!

राजनीति में विषैली वाणी का खेल? श्रीकृष्ण की याद दिलाती ये घटना!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पं. विजयशंकर मेहता के ताज़ा कॉलम ने राजनीतिक गलियारों में एक अहम सवाल उठाया है।
आजकल प्रसिद्धि पाने के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, विषैली वाणी का प्रयोग कर अपनी बात रख रहे हैं।
यह प्रवृत्ति चिंताजनक है, क्योंकि यह समाज में नकारात्मकता और द्वेष को बढ़ावा देती है।
पहले ख्याति पाने के तीन मार्ग थे- वाणी, विचार और व्यवहार।
लेकिन अब लोग वाणी के रास्ते से अपनी बात ज़ोरदार तरह से रख रहे हैं, भले ही वह कितनी भी विषैली क्यों ना हो।
यह एक तरह का शॉर्टकट है, जहाँ बदनामी भी प्रसिद्धि का एक माध्यम बन गयी है।
महाभारत का एक प्रसिद्ध उद्धरण यहाँ उपयुक्त है, जहाँ द्रौपदी के कथित वाक्य पर बहुत चर्चा होती है।
हालाँकि, महाभारत में इसका कोई प्रमाण नहीं है।
लेकिन यह सच है कि द्रौपदी के अपमान के दौरान कर्ण और दुर्योधन द्वारा बोले गये शब्द अत्यंत निंदनीय थे।
इस संदर्भ में भगवान कृष्ण का वचन याद रखना ज़रूरी है, जिन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति अपनी वाणी से गिरता है, मैं उसे जीवन से भी गिरा दूँगा।
आज के राजनीतिक परिदृश्य में, यह संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है।
सोशल मीडिया और राजनीति जैसी जगहों पर वाणी के प्रयोग को ज़िम्मेदार रहते हुए करने की ज़रूरत है।
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Posted on 22 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.