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हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती: तेल क्यों चढ़ाते हैं?

हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती: तेल क्यों चढ़ाते हैं?

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हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती: तेल क्यों चढ़ाते हैं?

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हैरान करने वाला! ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती: तेल क्यों चढ़ाते हैं?

हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आज 27 मई को ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती का पावन संयोग है।

यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि शनिदेव, न्याय के देवता, को समर्पित है।

शनि जयंती पर भक्तगण शनिदेव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।

शास्त्रों में वर्णित है कि शनिदेव को तेल अर्पण करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

यह तेल शनिदेव के कठोर स्वभाव को मृदु करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक प्राचीन और प्रभावशाली तरीका माना जाता है।

इस दिन सरसों के तेल से अभिषेक करना, काले तिल का उपयोग करना और शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु विशेष पूजन करना शुभ माना जाता है।

ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करना, दान-पुण्य करना और नए कार्यों की शुरुआत करना भी शुभ फलदायी होता है।

इस पावन अवसर पर, सभी भक्त शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकें, यही कामना है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार, इस समय शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं, जिससे कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है।

शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या के इस शुभ संयोग का लाभ उठाकर, आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

यह अवसर आध्यात्मिक प्रगति और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का अनूठा अवसर है।

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Posted on 27 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.

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