क्या 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से बचेगा पर्यावरण? चौंकाने वाले आंकड़े!
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क्या 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से बचेगा पर्यावरण? चौंकाने वाले आंकड़े!

क्या 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से बचेगा पर्यावरण? चौंकाने वाले आंकड़े!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है।
यह प्रस्ताव सिर्फ़ प्रशासनिक सुधार और लागत में कमी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके पर्यावरणीय प्रभावों पर भी गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
लगातार होने वाले चुनावों से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचता है; प्रचार सामग्री की छपाई से लेकर जनसभाओं में ईंधन के अत्यधिक उपयोग तक, हर पहलू पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग चुनाव कराने से यह नुकसान कई गुना बढ़ जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है, लेकिन इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है पर्यावरणीय लाभ।
यह प्रस्ताव चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रदूषण, कचरे और संसाधनों के अत्यधिक उपयोग को कम करने में मदद कर सकता है।
इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, जो राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ पर्यावरणीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।
इस प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा और विश्लेषण ज़रूरी है ताकि इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का व्यापक मूल्यांकन किया जा सके।
अंततः, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के व्यापक प्रभावों का आकलन देश के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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Posted on 21 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Visit HeadlinesNow.com for more stories.