हैरान करने वाली रंभा तीज! पार्वती पूजा, गणेश व्रत: जानिए
Devotional story:
हैरान करने वाली रंभा तीज! पार्वती पूजा, गणेश व्रत: जानिए

हैरान करने वाली रंभा तीज! पार्वती पूजा, गणेश व्रत: जानिए
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आज, 29 मई (गुरुवार) को ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया, जिसे रंभा तीज के नाम से जाना जाता है, और कल, 30 मई (शुक्रवार) को विनायकी चतुर्थी व्रत है।
यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास है, जो देवी पार्वती और भगवान गणेश की आराधना करके अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वर्ग की अप्सरा रंभा ने सबसे पहले इस व्रत को किया था, इसीलिए इसे रंभा तीज कहा जाता है।
इस दिन महिलाएँ सोलह श्रृंगार करती हैं और विशेष पूजा-अर्चना करती हैं।
पांच दीप जलाकर पूजा की जाती है, जिसमें सबसे पहले गणेश पूजन किया जाता है, उसके बाद शिव-पार्वती का अभिषेक होता है।
देवी गौरी को कुमकुम, चंदन, हल्दी, मेंहदी, लाल फूल, चावल आदि अर्पित किये जाते हैं, वही शिवलिंग पर बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ आदि चढ़ाए जाते हैं।
गणेश जी को दूर्वा, हार-फूल, और मोदक अवश्य चढ़ाएं।
यह व्रत, महिलाओं के लिए सौंदर्य, सौभाग्य और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, जो उन्हें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
रंभा तीज और विनायकी चतुर्थी के इस पावन अवसर पर, भक्तजन अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हुए, ईश्वरीय कृपा की कामना करते हैं।
इस तीज और चतुर्थी व्रत से जुड़ी पौराणिक कथाएँ और पूजा विधि, आस्था और परंपरा को जीवंत बनाती हैं।
इस विशेष अवसर पर, महिलाएं अपने परिवार और समाज के लिए प्रार्थना करती हैं, अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करती हैं।
रंभा तीज का त्यौहार, महिलाओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जिसमें आस्था, श्रद्धा और पारिवारिक बंधनों का एक सुंदर मेल दिखाई देता है।
यह त्यौहार भारतीय संस्कृति की समृद्धि का एक जीवंत प्रमाण है।
इस पावन अवसर पर, सभी को शुभकामनाएँ! इस व्रत और त्यौहार को मनाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, और यह हमारी संस्कृति की मजबूत जड़ों का प्रतीक है।
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Posted on 29 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.