भारत की दुग्ध क्रांति: क्या हैं टॉप पशुधन नस्लें?
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भारत की दुग्ध क्रांति: क्या हैं टॉप पशुधन नस्लें?

भारत की दुग्ध क्रांति: क्या हैं टॉप पशुधन नस्लें?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की समृद्ध कृषि परंपरा में गायों का अहम योगदान है, खासकर दुग्ध उत्पादन में।
देश में गायों की विभिन्न नस्लें पाई जाती हैं जिनकी अपनी-अपनी खासियतें हैं, जैसे दूध उत्पादन क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक बनावट।
इनमें से कुछ प्रमुख नस्लें हैं साहीवाल, गिर, थारपारकर, और राठी।
साहीवाल गायें अपने उच्च दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं, जबकि गिर नस्ल की गायें गर्मी सहनशीलता और बीमारियों से बचाव के लिए प्रसिद्ध हैं।
थारपारकर और राठी नस्लें भी उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ये नस्लें न केवल भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार हैं, बल्कि देश के डेयरी उद्योग को भी मजबूत करती हैं।
भारतीय पशुधन जैव विविधता का एक अनोखा उदाहरण है, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार गायों की नस्लों का विकास हुआ है।
ये नस्लें देश के डेयरी किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती हैं और देश के दुग्ध उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
पशुधन, कृषि, डेयरी उद्योग, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में इन नस्लों की भूमिका को समझना बेहद जरुरी है।
देश के कृषि विकास और आर्थिक समृद्धि में इनका योगदान अतुलनीय है।
यह जानकारी कृषि, पशुपालन, और डेयरी उद्योग से जुड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी है।
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Posted on 28 May 2025 | Source: MeriKheti | Visit HeadlinesNow.com for more stories.