क्या रावण ने कुंभकर्ण को किया भ्रष्ट? हैरान करने वाला रामायण रहस्य!
Devotional story:
क्या रावण ने कुंभकर्ण को किया भ्रष्ट? हैरान करने वाला रामायण रहस्य!

क्या रावण ने कुंभकर्ण को किया भ्रष्ट? हैरान करने वाला रामायण रहस्य!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, रामायण के रोमांचक अध्याय में एक दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया है जो धर्म, नीति और संगति के महत्व को दर्शाता है।
श्रीराम और रावण के भीषण युद्ध के दौरान, रावण ने अपने शक्तिशाली भाई कुंभकर्ण को युद्ध में शामिल करने का निर्णय लिया।
कुंभकर्ण, ब्रह्मा जी के वरदान से छह महीने तक सोते रहते थे और केवल एक दिन के लिए जागते थे।
जागने पर कुंभकर्ण ने रावण के अधर्म कर्मों, सीता हरण और लंका पर मँडराते संकट का विरोध किया।
उसने रावण को श्रीराम की शक्ति और उनके साथियों, लक्ष्मण और हनुमान जैसे धर्मपरायण योद्धाओं के बारे में बताया, रावण के इस अन्याय को समझाते हुए कहा कि यह कार्य अधर्म है।
कुंभकर्ण की बातें सुनकर रावण को डर सताने लगा कि कहीं कुंभकर्ण उसके विरुद्ध न हो जाए।
इस भय से, रावण ने कुंभकर्ण को मांसाहार और मदिरा पिलाई।
इसके प्रभाव से कुंभकर्ण की बुद्धि दूषित हुई और वह रावण के पक्ष में युद्ध करने को तैयार हो गया।
यह घटना 'संगति का प्रभाव', 'धर्म की विजय', और 'रामायण' जैसे कीवर्ड्स से जुड़ी है, जो हमें गलत संगति के खतरों और सत्संग के महत्व को समझने में मदद करती है।
यह रामायण का एक ऐसा पहलू है जो सदियों से लोगों को प्रभावित करता आया है और हमें आज भी जीवन में सही मार्ग चुनने की प्रेरणा देता है।
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Posted on 31 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.