हैरान करने वाला! पं. मेहता का राजनीतिक दर्शन: भरोसा और धोखा
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हैरान करने वाला! पं. मेहता का राजनीतिक दर्शन: भरोसा और धोखा

हैरान करने वाला! पं. मेहता का राजनीतिक दर्शन: भरोसा और धोखा
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पंडित विजयशंकर मेहता के विचारों ने राजनीतिक परिदृश्य पर एक नया प्रकाश डाला है।
उन्होंने अपने स्तंभ में 'कर्त्ताभाव' की अवधारणा पर ज़ोर दिया है, यह बताते हुए कि मनुष्य को कर्म नहीं, बल्कि 'मैं' की भावना परेशान करती है।
मेहता जी के अनुसार, 'मैंने यह किया' की मानसिकता धोखे और निराशा का कारण बनती है।
इसके विपरीत, परमात्मा पर अटूट विश्वास व्यक्ति को सावधानी और समझदारी से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
आज के राजनीतिक माहौल में, जहाँ झूठे वादे और भ्रामक प्रचार आम हैं, मेहता जी का यह दर्शन बेहद प्रासंगिक है।
डिजिटल मीडिया के युग में, भ्रामक स्वास्थ्य सलाह और अंधविश्वास का प्रसार चिंता का विषय है।
मेहता जी ने इस 'डिजिटल युग के भ्रम' से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया है और सावधानीपूर्वक सूचनाओं का मूल्यांकन करने की सीख दी है।
राजनीति में निष्पक्षता, विश्वसनीयता और जवाबदेही जैसी मूल्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला है।
यह दर्शन केवल व्यक्तिगत जीवन तक ही सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति और समाज के लिए भी एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम कर सकता है।
मेहता जी के अनुसार, परमात्मा पर जितना अधिक भरोसा होगा, संसार से उतना ही कम धोखा मिलेगा, और राजनीति में ईमानदारी और पारदर्शिता का मार्ग प्रशस्त होगा।
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Posted on 31 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.