NIA ने तहव्वुर की आवाज-लिखावट के सैंपल लिए:कोर्ट ने 3 दिन पहले इजाजत दी थी; मुंबई हमले का मास्टरमाइंड 12 दिन की कस्टडी में है
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NIA ने तहव्वुर की आवाज-लिखावट के सैंपल लिए:कोर्ट ने 3 दिन पहले इजाजत दी थी; मुंबई हमले का मास्टरमाइंड 12 दिन की कस्टडी में है
NIA ने शनिवार (3 मई) को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की आवाज और हैंडराइटिंग के सैंपल लिए। यहां राणा से कई अक्षर और अंक लिखवाए गए। इस सैंपल के लिए राणा को जूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव कुमार के सामने पेश किया गया। 3 दिन पहले 30 अप्रैल को कोर्ट ने NIA की रीक्वेस्ट पर राणा की आवाज और लिखावट के सैंपल लेने की परमिशन दी थी। इससे पहले 28 अप्रैल को स्पेशल NIA जज चंदर जीत सिंह ने राणा को 12 दिन की कस्टडी में भेज दिया था। NIA ने तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत लेकर आई थी। 10 अप्रैल को उसे स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने उसे 18 दिन की कस्टडी में भेज दिया था। इसे दोबारा 12 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। तहव्वुर को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में अमेरिकी एजेंसी FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। परिवार से बात करने की याचिका खारिज कर चुका कोर्ट
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 अप्रैल को तहव्वुर राणा की याचिका परिवार से बात करने की मांग वाली खारिज कर दी थी। राणा के वकील पीयूष सचदेवा ने तर्क दिया था कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर उसे अपने परिवार से बात करने का मौलिक अधिकार है। उसका परिवार उसके इलाज को लेकर चिंता में हैं। हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच का हवाला देते हुए इसका विरोध किया था और कहा कि राणा संवेदनशील जानकारी का खुलासा कर सकता है। इसके बाद स्पेशल NIA जस्टिस चंदर जीत सिंह ने तहव्वुर राणा की याचिका खारिज करने का फैसला किया। अधिकारियों ने 26 अप्रैल को बताया कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तहव्वुर राणा से दिल्ली स्थित NIA ऑफिस में पूछताछ की। राणा से 23 अप्रैल को आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी। इस दौरान उसने जवाब देने में टालमटोल किए और मदद नहीं की। पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडा का नागरिक है राणा
64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है राणा
डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था। राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए। ये बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद को पालने की बात कबूली, कहा- पाकिस्तान का एक इतिहास है, यह किसी से छुपा नहीं पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद को पालने की बात कबूली है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए बिलावल ने माना कि पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों के साथ मिलकर आतंकी संगठनों को बढ़ावा दिया है।
Posted on 04 May 2025 | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.
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