इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकेट कैसे हुआ फेल:PSLV-C61 मिशन के थर्ड स्टेज में खराबी आई, ये इसरो का 101वां लॉन्च था; जानें वजह - Technology
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इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकेट कैसे हुआ फेल:PSLV-C61 मिशन के थर्ड स्टेज में खराबी आई, ये इसरो का 101वां लॉन्च था; जानें वजह - Technology

इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकेट कैसे हुआ फेल:PSLV-C61 मिशन के थर्ड स्टेज में खराबी आई, ये इसरो का 101वां लॉन्च था; जानें वजह - Technology
मुख्य विवरण
इसरो का यह 101वां लॉन्च मिशन था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी, इसरो का PSLV-C61 मिशन तकनीकी खराबी के कारण फेल हो गया।
इस मिशन में EOS-09 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को 524 किलोमीटर की सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में स्थापित किया जाना था।
इसरो ने मिशन फेल होने के कारणों का पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाई है।
खबर में आगे बढ़ने से पहले इन टेक्निकल शब्दों के बारे में जान लीजिए जिससे पूरी खबर को समझना आसान हो जाएगा: पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल: PSLV इसरो का एक भरोसेमंद रॉकेट है, जो सैटेलाइट्स को पृथ्वी की कक्षा, खासकर पोलर और सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट (600-800 Km) में लॉन्च करता है।
यह चार स्टेज (सॉलिड और लिक्विड इंजन) वाला लॉन्च व्हीकल है, जो रिमोट सेंसिंग, कम्युनिकेशन और साइंटिफिक मिशन्स के लिए इस्तेमाल होता है।
ग्राउंड-लिट स्ट्रैप-ऑन मोटर्स: रॉकेट के एडिशनल बूस्टर इंजन होते हैं, जो लॉन्च के समय जमीन पर ही इग्नाइट होकर रॉकेट को शुरुआती थ्रस्ट देते हैं।
ये PSLV जैसे रॉकेट के मुख्य कोर के साथ जुड़े होते हैं और लिफ्ट-ऑफ के लिए जरूरी ताकत देते हैं।
प्रोपेलेंट खत्म होने पर ये अलग हो जाते हैं।
ऑनबोर्ड इंस्ट्रूमेंटेशन: यह रॉकेट या सैटेलाइट पर लगे सेंसर और उपकरण हैं, जैसे एक्सलरोमीटर, गायरोस्कोप और इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट (IMU), जो रियल-टाइम में गति, दिशा, ऊंचाई और अन्य डेटा मापते हैं।
विशेष जानकारी
यह डेटा टेलीमेट्री के जरिए ग्राउंड स्टेशन को भेजा जाता है, ताकि मिशन की स्थिति और ट्रैजेक्ट्री को मॉनिटर किया जा सके।
टेलीमेट्री: यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें रॉकेट या सैटेलाइट से डेटा (जैसे गति, ऊंचाई, दबाव, ओरिएंटेशन) को रियल-टाइम में ग्राउंड स्टेशन तक रेडियो सिग्नल के जरिए भेजा जाता है।
यह डेटा मिशन की निगरानी और विश्लेषण के लिए जरूरी होता है।
ग्राउंड-बेस्ड ट्रैकिंग: वह प्रक्रिया है जिसमें रडार, एंटीना और ग्राउंड स्टेशनों का उपयोग करके रॉकेट या सैटेलाइट की स्थिति, गति और दिशा को रियल-टाइम में ट्रैक किया जाता है।
यह ऑनबोर्ड इंस्ट्रूमेंटेशन डेटा से अलग होता है और मिशन को मॉनिटर करने में मदद करता है।
क्लोज लूप गाइडेंस: एक ऑटोमेटिक कंट्रोल सिस्टम है, जिसमें रॉकेट का ऑनबोर्ड कंप्यूटर रियल-टाइम डेटा का एनालिसिस कर ट्रैजेक्ट्री, थ्रस्ट और ओरिएंटेशन को कोऑर्डिनेट करता है।
यह सुनिश्चित करता है कि रॉकेट ग्राउंड कंट्रोल की मदद के बिना निर्धारित कक्षा में सटीकता से पहुंचे।
मिशन की शुरुआत: सब कुछ सामान्य PSLV-C61 का लॉन्च आज यानी, 18 मई को सुबह 5:59 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया।
लॉन्च के शुरुआती चरणों में सब कुछ योजना के अनु।
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Posted on 18 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.