रामचरितमानस भाग 21: शिवजी के मन में क्या चला? धर्म और आध्यात्मिकता का अन्वेषण Shiva Yearns Ram Darshan Ramcharitmanas
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रामचरितमानस भाग 21: शिवजी के मन में क्या चला? धर्म और आध्यात्मिकता का अन्वेषण Shiva Yearns Ram Darshan Ramcharitmanas
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, रामचरितमानस के 21वें भाग में भगवान शिव की आंतरिक संघर्ष और भगवान राम के दर्शन की गहन इच्छा को दर्शाया गया है।
शिवजी के हृदय में भगवान राम के दर्शन की तीव्र लालसा है, लेकिन गुप्त अवतार के कारण वे दर्शन करने में संकोच कर रहे हैं।
सती देवी को इस मनोभाव से अनजान रखा गया है, जबकि शिवजी के मन में भेद खुलने का भय और दर्शन की लालसा दोनों ही युद्ध कर रहे हैं।
तुलसीदास जी ने इस भावना को बेहद मार्मिक शब्दों में पिरोया है, शिवजी की आंतरिक पीड़ा और राम भक्ति की गहराई को उजागर करते हुए।
रावण के मृत्यु के विषय में भी चर्चा है, जहाँ रावण ने ब्रह्माजी से मनुष्य के हाथों मृत्यु का वरदान माँगा था।
यह घटना रामचरितमानस की धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों के लिए भगवान राम और शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था को और भी गहरा बनाता है।
इस भाग में वर्णित शिवजी की मनोस्थिति धर्म के प्रति समर्पण और देवता के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाती है।
यह पूजा और आध्यात्मिकता के प्रति एक गहरा संदेश देता है।
यह अध्याय राम भक्ति और आत्मिक विकास के मार्ग पर चलने वालों के लिए प्रेरणादायक है।
- शिवजी की राम दर्शन की तीव्र इच्छा
- रावण द्वारा मनुष्य के हाथों मृत्यु का वरदान माँगना
- धर्म और आध्यात्मिकता का गहन चिंतन
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Posted on 20 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.