लू से 700 मौतें! क्या सरकारें हैं बेपरवाह?
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लू से 700 मौतें! क्या सरकारें हैं बेपरवाह?

लू से 700 मौतें! क्या सरकारें हैं बेपरवाह?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में भीषण गर्मी से 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है, और इस त्रासदी पर राजनीतिक दलों की चुप्पी हैरान करने वाली है।
यह घटना एक गंभीर सवाल उठाती है कि क्या सरकारें और राजनीतिक दल जनता के जीवन के प्रति उदासीन हैं? वोट बैंक की राजनीति से परे, मानवीय संवेदना का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब माँगा है, और पूछा है कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य संबंधित संस्थाओं को नोटिस जारी किया है।
यह चिंताजनक स्थिति है जहाँ अदालतों को सरकारों की जगह आपदा प्रबंधन का काम करना पड़ रहा है।
गर्मी से होने वाली मौतों, स्वास्थ्य संकट, और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या सरकारें इस गंभीर स्थिति को गंभीरता से ले रही हैं? क्या पर्याप्त राष्ट्रीय नीतियाँ और संसाधन उपलब्ध हैं? क्या जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं? इन सवालों के जवाब तुरंत दिए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अदालत के हस्तक्षेप से पता चलता है कि सरकार की ओर से गंभीरता और कार्यवाई की कमी है।
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Posted on 05 June 2025 | Source: Prabhasakshi | Visit HeadlinesNow.com for more stories.