News Breaking
Live
wb_sunny

आषाढ़ अमावस्या: धर्म, पूजा और पर्यावरण संरक्षण का पावन अवसर धर्म Ashadh Amavasya: Farmers' Auspicious Day

आषाढ़ अमावस्या: धर्म, पूजा और पर्यावरण संरक्षण का पावन अवसर धर्म Ashadh Amavasya: Farmers' Auspicious Day

Spiritual update:

HeadlinesNow पर पढ़ें धर्म - आषाढ़ अमावस्या: धर्म, पूजा और पर्यावरण संरक्षण का पावन अवसर धर्म Ashadh Amavasya: Farmers' Auspicious Day

आषाढ़ अमावस्या: धर्म, पूजा और पर्यावरण संरक्षण का पावन अवसर धर्म Ashadh Amavasya: Farmers' Auspicious Day

हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आज, 25 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या है, जिसे हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

यह तिथि वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक है और किसानों के लिए विशेष महत्व रखती है।

इस दिन किसान अपने हल और कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं, आने वाली फसल के लिए प्रार्थना करते हैं और नए कृषि कार्यों की शुरुआत करते हैं।

कई किसान इस दिन हल से खेत जोतने और बीज बोने की परंपरा का पालन करते हैं, क्योंकि यह बीज बोने का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या पर पितरों के लिए पूजा-पाठ, तर्पण और ध्यान करना विशेष फलदायी होता है।

यह दिन धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़े कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस दिन देवता की पूजा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष महत्व है।

इसलिए, सार्वजनिक स्थान पर एक छायादार वृक्ष का पौधा लगाना और उसकी देखभाल करने का संकल्प लेना शुभ माना जाता है।

यह कार्य न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी पुण्य प्रदान करता है।

आषाढ़ अमावस्या पर तुलसी के पास दीपक जलाने की भी परंपरा है, जो आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है।

इस पावन अवसर पर धर्म, पूजा और पर्यावरण के प्रति समर्पण का भाव प्रकट होता है, जो हमारे समाज और धरती के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

  • आषाढ़ अमावस्या पर पितरों का तर्पण करें।
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा लगाएँ।
  • तुलसी के पास दीपक जलाएँ।

Related: Latest National News


Posted on 25 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.

Tags

Newsletter Signup

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque.