ज्येष्ठ पूर्णिमा: पितृ तर्पण की रोमांचक विधि! जानें
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ज्येष्ठ पूर्णिमा: पितृ तर्पण की रोमांचक विधि! जानें

ज्येष्ठ पूर्णिमा: पितृ तर्पण की रोमांचक विधि! जानें
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आज और कल ज्येष्ठ पूर्णिमा का पावन पर्व है।
यह दिन पितरों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा, जो संत कबीर जयंती के साथ भी मनाई जाती है, पितृ तर्पण और धूप-ध्यान के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस दिन पितरों के लिए किए गए धूप-ध्यान से उन्हें असीम शांति मिलती है और घर परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
पितृ तर्पण की विधि में शुद्ध जल, कुश, तिल, अक्षत, और पितरों को प्रिय भोजन का समावेश होता है।
धूप-ध्यान दोपहर 12 बजे के आसपास करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
इसके अलावा, तीर्थ स्नान और दान-पुण्य करना भी इस पावन अवसर का हिस्सा है।
यह अनुष्ठान करने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
आवश्यक सामग्री में पीतल या तांबे का पात्र, कुश, तुलसी दल, गंगाजल, और पितृ पक्ष के दौरान पितरों के नाम का जाप करना सम्मिलित हैं।
ध्यान रहे, शुद्ध मन और पूर्ण श्रद्धा से किए गए अनुष्ठान का फल अद्भुत होता है।
इस ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पितृ पूजा के माध्यम से हम अपने पूर्वजों का सम्मान करते हुए आध्यात्मिक संपन्नता प्राप्त कर सकते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा, पितृ तर्पण, और धूप-ध्यान से जुड़े सभी आवश्यक अनुष्ठानों को पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से संपन्न करें।
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Posted on 10 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.