चीन की चाल: तिब्बती पठार पर खतरा? जल संकट का अलर्ट!
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चीन की चाल: तिब्बती पठार पर खतरा? जल संकट का अलर्ट!

चीन की चाल: तिब्बती पठार पर खतरा? जल संकट का अलर्ट!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मा चेलानी के लेख ने तिब्बती पठार पर चीन की गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताई है।
यह पठार दुनिया के सबसे बड़े ताजे पानी के भंडारों में से एक है और दस प्रमुख एशियाई नदियों का उद्गम स्थल है, जिनमें भारत की ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियाँ भी शामिल हैं।
लगभग 20% वैश्विक जनसंख्या इन नदियों पर निर्भर है।
लेकिन चीन द्वारा पिछले दो दशकों से किए जा रहे बांध निर्माण ने इस संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरे में डाल दिया है।
चीन ने किसी भी निचले देश के साथ जल-साझाकरण संधि पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहा है और जल सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है।
तिब्बत में चीन के विशाल बांधों ने पहले ही मेकांग नदी में पानी के स्तर को कम कर दिया है, जिससे कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में मत्स्य पालन और आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।
यह भू-राजनीतिक स्थिरता के लिए भी एक गंभीर चुनौती है और भारत समेत कई देशों के लिए चिंता का विषय है।
चीन की यह नीति क्षेत्रीय सहयोग को कमजोर करती है और जल संसाधनों को लेकर भविष्य में गंभीर संघर्षों का कारण बन सकती है।
इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत और सहयोग बेहद जरूरी है।
इससे जल संसाधनों का न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित हो सकेगा और क्षेत्रीय शांति बनी रह सकेगी।
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Posted on 06 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.