हैरान करने वाली निर्जला एकादशी! क्या है इसका रहस्य?
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हैरान करने वाली निर्जला एकादशी! क्या है इसका रहस्य?

हैरान करने वाली निर्जला एकादशी! क्या है इसका रहस्य?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 6 जून को पड़ रही निर्जला एकादशी साल की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की यह एकादशी तपस्या का प्रतीक है, जहाँ भक्त पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते हैं।
चिलचिलाती गर्मी में भी भूखे-प्यासे रहकर, मंत्र जप, पूजा और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन से वे आध्यात्मिक ऊँचाइयों को छूते हैं।
मान्यता है कि इस एक व्रत से साल भर की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
इस पवित्र व्रत से जुड़ी एक दिलचस्प कथा महाभारत काल से भी जुड़ी है, जिसमें पांडव पुत्र भीम का जिक्र है।
भीमसेन के लिए बिना भोजन के रहना कठिन था, इसलिए उन्होंने वेदव्यास से एक ऐसा उपाय पूछा जिससे उन्हें भी एकादशी व्रत का पुण्य मिले।
इसी वजह से इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, महाभारत काल में भीम को छोड़कर सभी पांडव सभी एकादशियों का व्रत रखते थे।
निर्जला एकादशी का व्रत धार्मिक आस्था, तप, और भक्ति का एक अद्भुत उदाहरण है जो आधुनिक युग में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है।
यह व्रत धार्मिक अनुष्ठान, विष्णु पूजा, एकादशी व्रत, और हिन्दू धर्म से जुड़े आस्थावान लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस पावन अवसर पर भक्तगण अपने परिवार और समाज के कल्याण की कामना करते हैं।
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Posted on 02 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.