चीन से सीखें, पर सावधान रहें! क्या है राजनीतिक चाल?
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चीन से सीखें, पर सावधान रहें! क्या है राजनीतिक चाल?

चीन से सीखें, पर सावधान रहें! क्या है राजनीतिक चाल?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, अभय कुमार दुबे के ताज़ा लेख में चीन के साथ हमारे जटिल संबंधों पर रोमांचक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
1962 के युद्ध की कड़वी यादें और हाल ही में पाकिस्तान द्वारा चीन से प्राप्त हथियारों के उपयोग ने एक गंभीर सवाल खड़ा किया है: क्या हम चीन के विरुद्ध अपनी भावनाओं के बावजूद चीनी सामानों का लगातार उपयोग जारी रखने के विरोधाभासी व्यवहार को समझ सकते हैं? दुबे ने जोसेफ नीधम के व्यापक शोध का हवाला देते हुए बताया है कि ईसा पूर्व पहली सदी से लेकर 15वीं शताब्दी तक चीन का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास पश्चिम से कहीं आगे था।
यह ऐतिहासिक तथ्य चीन की वर्तमान वैश्विक हैसियत को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत को चीन की आर्थिक और सैन्य शक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे सीखने के साथ-साथ अपनी रणनीति को मज़बूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यह समझना ज़रूरी है कि चीन के साथ संबंधों को कैसे संतुलित किया जाए, ताकि हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा कर सकें।
यह चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें सावधानी और सूझबूझ दोनों की आवश्यकता है।
इस लेख ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, और भारत-चीन संबंध जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला है।
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Posted on 04 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.