आत्मा की खोज: क्या राजनीति में भी है अभिनय का खेल?
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आत्मा की खोज: क्या राजनीति में भी है अभिनय का खेल?

आत्मा की खोज: क्या राजनीति में भी है अभिनय का खेल?
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पं. विजयशंकर मेहता के विचारोत्तेजक कॉलम ने राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएँ छेड़ दी हैं।
मेहता जी ने अपने लेख में गहराई से बताया है कि कैसे हम सभी, अपनी सामाजिक भूमिकाओं, पदों और रिश्तों में, एक तरह का अभिनय करते हैं।
यह अभिनय हमें अपनी आत्मा से जोड़ने से रोकता है।
उन्होंने रामकथा के उदाहरण से समझाया कि कैसे पार्वती जी ने रामचरित्रमानस सुनकर आध्यात्मिक सुख पाया।
मेहता जी का मानना है कि ईश्वरीय कथाएँ, धार्मिक ग्रंथ और आध्यात्मिक विचार हमें सच्चे स्व की ओर ले जाते हैं।
यह जीवन में मूल्यों, ईमानदारी और आत्म-साक्षात्कार के मार्ग को प्रशस्त करता है।
राजनीति में प्रामाणिकता, निष्ठा और जनसेवा जैसे मूल्यों की कमी एक बड़ी चुनौती है।
क्या राजनीतिक नेता अपने अभिनय से बाहर निकलकर जनता की वास्तविक सेवा कर रहे हैं? यह प्रश्न गंभीर चिंतन का विषय है।
मेहता जी के लेख से प्राप्त संदेश स्पष्ट है: आत्म-साक्षात्कार के लिए हमें अपने अभिनय से ऊपर उठना होगा, चाहे वह राजनीति हो या जीवन का कोई अन्य क्षेत्र।
इस विचार को राजनीतिक पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिकता के परिपेक्ष्य में समझना अत्यंत जरूरी है।
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Posted on 04 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.