वाजपेयी ने नेहरू को कैसे किया मजबूर? दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम!
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वाजपेयी ने नेहरू को कैसे किया मजबूर? दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम!

वाजपेयी ने नेहरू को कैसे किया मजबूर? दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान एक युवा अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए मजबूर किया।
यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
उस समय, जनसंघ से राज्यसभा सांसद वाजपेयी, नेहरू से कहीं छोटी उम्र के थे और कांग्रेस सरकार को लोकसभा में भारी बहुमत प्राप्त था।
लेकिन, युवा वाजपेयी के दबाव और देशहित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने नेहरू को संसद का विशेष सत्र बुलाने पर मजबूर कर दिया, यहां तक कि अपनी ही पार्टी के 'गुप्त सत्र' के सुझाव को भी खारिज करते हुए।
संसद में वाजपेयी ने सरकार पर कड़ी टिप्पणी की, परंतु नेहरू ने इसे देशद्रोह नहीं माना।
यह घटना लोकतंत्र में जनता के विश्वास को बनाए रखने और पारदर्शिता के महत्व को दर्शाती है।
इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय राजनीति, और संसदीय प्रक्रिया जैसे प्रमुख राजनीतिक परिघटनाओं और कीवर्ड्स को प्रभावित किया।
यह घटना यह भी बताती है कि कैसे एक युवा नेता ने एक अनुभवी नेता को देश के हित में निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत-चीन युद्ध जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के संदर्भ में यह घटना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
अंततः, यह घटना लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता की महत्ता को प्रतिबिंबित करती है।
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Posted on 07 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Visit HeadlinesNow.com for more stories.