क्या आपका भोजन है 'अन्न-यज्ञ'? चौंकाने वाले विचार पं. विजयशंकर मेहता से!
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क्या आपका भोजन है 'अन्न-यज्ञ'? चौंकाने वाले विचार पं. विजयशंकर मेहता से!

क्या आपका भोजन है 'अन्न-यज्ञ'? चौंकाने वाले विचार पं. विजयशंकर मेहता से!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रख्यात विचारक पंडित विजयशंकर मेहता ने भोजन के प्रति हमारे रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने अपने स्तंभ में 'अन्न-यज्ञ' की अवधारणा को रेखांकित करते हुए कहा है कि हम अक्सर बेहोशी में भोजन करते हैं, विचारों और विवादों में उलझे रहते हैं।
भोजन के समय मोबाइल और टेलीविजन का प्रयोग, परिवारों में बढ़ते तनाव और आपसी वाद-विवाद, ये सभी चिंता के विषय हैं।
मेहता जी के अनुसार, भोजन एक पवित्र क्रिया है, जिसमें शांति, कृतज्ञता और आभार का भाव होना चाहिए।
भोजन बनाने वाले के प्रति सम्मान और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया है।
आज के समय में, जहाँ तनाव और प्रतिस्पर्धा का स्तर चरम पर है, भोजन के समय शांति और सकारात्मकता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह केवल शारीरिक पोषण ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति का भी आधार है।
गर्म भोजन की अपेक्षा, गर्म स्वभाव और सौहार्दपूर्ण वातावरण अधिक महत्वपूर्ण है।
पंडित जी ने 'अन्न-यज्ञ', 'धार्मिक आस्था', 'परिवार', 'सकारात्मकता' और 'आभार' जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला है, जिससे हमें अपने भोजन के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाने का आह्वान किया गया है।
इससे हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और हम एक शांत और संतुष्ट जीवन जी सकेंगे।
मेहता जी के विचार आज के व्यस्त जीवन में एक महत्वपूर्ण संदेश देते हैं – भोजन को केवल पेट भरने का साधन न बनाएँ, इसे 'अन्न-यज्ञ' बनाएँ।
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Posted on 07 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.