इंद्र का अहंकार और लोमश ऋषि का ज्ञान: हैरान करने वाली कथा!
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इंद्र का अहंकार और लोमश ऋषि का ज्ञान: हैरान करने वाली कथा!

इंद्र का अहंकार और लोमश ऋषि का ज्ञान: हैरान करने वाली कथा!
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, देवराज इंद्र और लोमश ऋषि की प्रेरणादायक कथा हमें विनम्रता का महत्त्व सिखाती है।
कथा के अनुसार, विश्वकर्मा द्वारा निर्मित भव्य महल बनवाने के बाद, इंद्र को अहंकार हो गया।
अपने महल के वैभव में मदमस्त, वे सभी देवताओं को दिखाकर उसकी प्रशंसा करते रहे, और धीरे-धीरे उनका अहंकार चरम पर पहुँच गया।
देवर्षि नारद की सलाह पर, इंद्र ने लोमश ऋषि को अपना महल दिखाया और उनसे पूछा कि क्या उन्होंने इससे ज़्यादा सुंदर महल देखा है? ऋषि लोमश ने अद्भुत शांति से उत्तर दिया, 'मैंने अपने जीवन में अनेक इंद्र और उनके भव्य महल देखे हैं।
' इस उत्तर ने इंद्र के अहंकार को चूर-चूर कर दिया, उन्हें विनम्रता का पाठ पढ़ाया।
यह कथा हमें सिखाती है कि तुलना करना ठीक है, लेकिन दूसरों को कमतर आँकना कभी नहीं चाहिए।
धर्म, आध्यात्म, जीवन दर्शन, हिन्दू धर्म, पौराणिक कथाएँ – ये सब हमें विनम्रता और ज्ञान के महत्व की ओर इशारा करते हैं।
इस कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि सच्ची श्रेष्ठता अहंकार में नहीं, बल्कि विनम्रता और ज्ञान में निवास करती है।
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Posted on 07 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.