पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:भक्ति को जगाएं तो आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाएगा Breaking News Update
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:भक्ति को जगाएं तो आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाएगा Breaking News Update
रामकथा के एक और प्रमुख वक्ता हैं- काकभुशुंडि जी।
ये कौवा हैं, और ये सुनकर ही पार्वती जी चकित हो गईं और उन्होंने शंकर जी से पूछा- एक कौवा रामकथा का वक्ता कैसे बन गया? शिव जी ने कहा- देवी, जिस पर्वत पर यह पक्षी रहता है, वहां माया रचित अनेक गुण, दोष, मोह, काम आदि अविवेक जो सारे जगत में छाए हुए हैं, उसके पास नहीं फटकते।
रहे ब्यापि समस्त जग माहीं, तेहि गिरि निकट कबहुं नहिं जाहीं।
यानी पूरे जगत में दुर्गुण बसे हैं, पर इस जगह नहीं।
क्योंकि वहां एक भक्त रहते हैं और भक्त जहां रहता है, वहां से दुर्गुण चले जाते हैं।
हम अपने भीतर के भक्त को जाग्रत करें तो आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाएगा।
लिखा है माया रचित, तो यदि माया से बचना हो तो एक आसान तरीका है।
निज प्रभुमय देखहिं जगत, केहि सन करहिं बिरोध।
मानस में कहा है, सारे संसार को परमात्मामय देख लें तो किसी से भी विरोध मिट जाए और यहीं से दुर्गुण मिट जाएंगे।
यदि काकभुशुंडि जी को यह उपलब्धि हो सकती है तो हमें क्यों नहीं?।
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Posted on 25 June 2025 | Visit HeadlinesNow.com for more stories.