ककोड़ा खेती: उद्योग में निवेश का सुनहरा अवसर? उद्योग Kakoda: High-profit, Low-investment Crop
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ककोड़ा खेती: उद्योग में निवेश का सुनहरा अवसर? उद्योग Kakoda: High-profit, Low-investment Crop
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, ककोड़ा, जिसे कई क्षेत्रों में खेख्सा भी कहा जाता है, एक कम निवेश वाली उच्च-लाभ वाली फसल के रूप में उभर रहा है।
यह बहुवर्षीय लता वाली कद्दू वर्गीय फसल, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्वाभाविक रूप से उगती है और बिना अधिक देखभाल के भी अच्छे परिणाम देती है, जिससे यह छोटे और बड़े किसानों दोनों के लिए आकर्षक विकल्प बनती है।
इसकी खेती में कम वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है और मादा पौधे से निरंतर 8-10 वर्षों तक उपज मिलती रहती है, जिससे दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होता है।
ककोड़ा के फल का उपयोग सब्जी, अचार और औषधीय उत्पादों में किया जाता है, जिससे इसके शेयर बाजार में भी संभावनाएं हैं।
इसके औषधीय गुणों के कारण, आयुर्वेदिक उद्योग में भी इसकी मांग बढ़ रही है।
ककोड़ा की खेती से जुड़े उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा नीतियों में सुधार और निवेश की आवश्यकता है, जिससे किसानों को मार्केट में बेहतर मूल्य मिल सके और इस फसल से अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि देश के कृषि उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
कुल मिलाकर, ककोड़ा खेती निवेश के लिहाज से एक आशाजनक क्षेत्र है, जिसमे आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं।
- कम निवेश में उच्च लाभ की संभावना
- आयुर्वेदिक उद्योग में बढ़ती मांग
- दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने वाली फसल
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Posted on 13 June 2025 | Check HeadlinesNow.com for more coverage.