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क्या सोशल मीडिया बना रहा है बच्चों को हिंसक? हैरान करने वाले तथ्य! - Social-media-harms-children's-mental-health

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हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया का बढ़ता उपयोग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक विकास पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

यह सिर्फ़ चिंता का विषय नहीं, बल्कि एक विकराल चुनौती बनता जा रहा है।

बच्चों का बचपन अब डिजिटल दुनिया की गिरफ्त में है, जहाँ ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने पारंपरिक खेलों और पारिवारिक बंधनों को कमज़ोर कर दिया है।

दादी-नानी की कहानियों की जगह अब स्मार्टफोन की स्क्रीन ने ले ली है, जिससे बच्चों में समय की पाबंदी, सामाजिक कौशल और भावनात्मक परिपक्वता का अभाव देखा जा रहा है।

टेन के हार्परकॉलिन्स और नीलसन आईक्यू की एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि बड़ी संख्या में युवा माता-पिता बच्चों को डिजिटल मनोरंजन से अधिक अवगत करा रहे हैं, जबकि पंचतंत्र, स्नो व्हाइट और पिनोकियो जैसी कहानियाँ अब पुस्तकालयों और घरों की अलमारियों में धूल फांक रही हैं।

सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में आक्रामकता, जिद और उग्रता बढ़ रही है, जिससे वे चिंता और अवसाद का शिकार हो रहे हैं।

यह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

क्या बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है? यह एक ऐसा सवाल है जिस पर गंभीर विचार करने की ज़रूरत है।

बच्चों का भविष्य, हमारा समाज और राष्ट्र का भविष्य, इसी पर निर्भर करता है।

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Posted on 11 June 2025 | Source: Prabhasakshi | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.

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