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धर्म और तकनीक: क्या है बचाव का रास्ता? चौंकाने वाला विश्लेषण! - Technology's-challenges,-religion's-enduring-relevance

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धर्म और तकनीक: क्या है बचाव का रास्ता? चौंकाने वाला विश्लेषण! - Technology's-challenges,-religion's-enduring-relevance

हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पंडित विजयशंकर मेहता के लेख में तकनीकी विकास की चुनौतियों और धर्म के महत्व पर गहराई से विचार किया गया है।

आज का मनुष्य विज्ञान और तकनीक के जाल में बुरी तरह फँसा हुआ है, एक ऐसी तकनीकी सुनामी जिससे केवल धर्म और अध्यात्म की गहरी समझ ही हमें बचा सकती है।

मेहता जी ने रामचरितमानस के उदाहरणों का सहारा लेते हुए बताया है कि कैसे यह ग्रंथ हमें जीवन के मूल्यों और सही मार्गदर्शन की शिक्षा देता है।

उन्होंने पार्वती जी और शिव जी के संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि हजारों में एक ही सच्चा धर्मपरायण होता है, और करोड़ों धर्मात्माओं में से एक ही विषय से विमुख (तकनीक के कुप्रभाव से मुक्त) रह पाता है।

यह विमुखता, तकनीक का समझदारी से उपयोग करने की क्षमता को दर्शाती है।

यदि हमने तकनीक की समझ खो दी, तो वह हमारा शोषण करने लगेगी।

कई व्यावसायिक संस्थान भविष्य की चुनौतियों के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हैं, तो फिर क्यों न हम रामचरितमानस जैसे ग्रंथों से प्रेरणा लेकर इस तकनीकी सुनामी से खुद को बचाएं और एक संतुलित जीवन जीने का मार्ग खोजें? यह लेख धर्म, अध्यात्म, तकनीकी विकास, आध्यात्मिक मार्गदर्शन, और जीवन मूल्यों पर प्रकाश डालता है।

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Posted on 11 June 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.

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