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पं. विजयशंकर मेहता: राजनीति में एकाग्रता और तेज गति का महत्व? Workplace Dedication Crisis Emerges Now
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, पं. विजयशंकर मेहता के ताज़ा कॉलम में आधुनिक कार्यस्थल की चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है।
आजकल काम करने के प्रति समर्पण की कमी व्याप्त है।
निरक्षर और कम पढ़े-लिखे लोगों में सरकारी सुविधाओं के कारण कार्य करने की इच्छाशक्ति कम हुई है, जबकि पढ़ी-लिखी युवा पीढ़ी भी अपनी मर्जी से काम करती है और आदेशों का पालन करने में अनिच्छा दिखाती है।
यह समस्या केवल निचले स्तर तक सीमित नहीं है; प्रबंधन स्तर पर भी यह स्थिति देखने को मिलती है।
बॉस और अधीनस्थ, दोनों ही एक-दूसरे को अनावश्यक रूप से परेशान करते हैं।
इस समस्या का समाधान एकाग्रता और तेज गति में संतुलन बनाकर खोजा जा सकता है।
हनुमान जी के आदर्श के अनुसार, तन सक्रिय और मन शांत रखकर ही इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
यह राजनीति के क्षेत्र में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना अन्य क्षेत्रों में।
नेताओं को चुनावों के दौरान जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए एकाग्रता की आवश्यकता होती है, साथ ही चुनाव प्रबंधन और नीति निर्माण में तेज गति से काम करने की जरूरत होती है।
कांग्रेस और बीजेपी जैसे बड़े राजनीतिक दलों के लिए भी यह सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उनके नेताओं को चुनावी रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इस संतुलन को बनाए रखना होगा।
अगर राजनीति में भी इस तरह की एकाग्रता और गति का अभाव रहा तो भविष्य में चुनाव परिणामों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
अंत में, पं. मेहता के विचार देश की राजनीति को समझने के लिए एक नया परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं।
- एकाग्रता और तेज गति का संतुलन राजनीति में आवश्यक
- चुनाव प्रबंधन और नीति निर्माण में प्रभावी
- कांग्रेस और बीजेपी जैसे दलों के लिए महत्वपूर्ण
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Posted on 20 June 2025 | Stay updated with HeadlinesNow.com for more news.
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