मुकेश माथुर का कॉलम:सवाल है कि- हम भारत के लोग बाहर क्यों निकलते हैं Breaking News Update
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मुकेश माथुर का कॉलम:सवाल है कि- हम भारत के लोग बाहर क्यों निकलते हैं Breaking News Update
‘लोग हाईवे पर निकलते ही क्यों हैं? जाम तो लगेगा ही।
’ एनएचएआई की तरफ से एक वकील ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में कहा।
इंदौर से देवास जाने वाले बायपास पर 20-20 घंटे के जाम लगे।
इलाज के लिए ले जाए जा रहे दो लोगों की एंबुलेंस में मौत हो गई।
हताश, निराश लोगों ने कोर्ट में जनहित याचिकाएं लगाईं, जिन पर वकील ने विस्तृत रूप से यह जवाब दिया- "लोग निकलते क्यों हैं इतनी जल्दी? जाम तो लगेगा ही।
लोगों को बायपास से मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल जाना है।
ट्रैफिक लोड बढ़ रहा है।
बायपास पर गड्ढे खुल गए।
होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज गार्डन भी हैं।
कई टाउनशिप हैं।
' लगता है देश की सबसे बड़ी समस्या हैं- लोग।
वे बाहर निकलते ही क्यों हैं? जाम लग जाता है।
ट्रेनों में यात्रा क्यों करते हैं? फुल हो जाती हैं।
आखिर कितनी स्पेशल ट्रेनें चलाए भारतीय रेल? हवाई चप्पल पहने लोग क्यों हवाई जहाज में चढ़ते हैं? दिल्ली में एयर ट्रैफिक इतना बढ़ जाता है कि मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।
दुर्घटना होती है तो मौतों का आंकड़ा भी इतना बड़ा हो जाता है कि दुनिया का ध्यान चला जाता है।
पता नहीं लोग इतने बीमार भी क्यों पड़ते हैं? अस्पतालों में डॉक्टर और बेड कम पड़ जाते हैं।
तो सवाल है कि घर क्यों नहीं बैठे रहते लोग? बाहर निकलते ही क्यों हैं? कुछ लोगों ने वकील का बयान पढ़ने के बाद सोशल मीडिया पर कहा कि लोगों को मर ही जाना चाहिए।
समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
यह ठीक विचार नहीं है।
नकारात्मकता है इसमें।
लोगों को जिंदा रहना चाहिए।
लेकिन घर में रहना चाहिए।
कोविड में रहे थे ना! सड़कों पर कितनी शांति थी।
कुछ लोगों को डराती थी, लेकिन थी तो।
बालकनी में थाली बजाने से डर भागा भी तो था।
डेढ़ जीबी प्रतिदिन का डेटा 289 रुपए में उपलब्ध है।
घर में रहकर रील बनानी चाहिए।
पनीर की नई रेसिपी बनाने की।
बस पनीर लेने बाहर मत जाइएगा।
10 मिनट में डिलीवरी वाली एेप है।
पलक झपकते ही पनीर आएगा।
अगर आप थोड़े विचारवान ‘लोग’ हैं तो रील बनाने की जगह विचारोत्तेजक टिप्पणी पोस्ट कीजिए।
अमेरिका की सड़कों पर ड्राइवरलेस कार चलाने वाले इलॉन मस्क की ऐप पर।
बारिश में बह रही देश की सड़कों को लेकर।
टोल के ठेकेदारों की नाजायज वसूली पर।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर।
देश के मुद्दों पर टिप्पणी करने से जाम नहीं लगता और लोग देश के लिए समस्या नहीं बनते।
आपके विचारों से देश आगे भी बढ़ता है।
जल्द ही जनगणना शुरू होने वाली है, हम कुल कितने और किस जाति के लोग हैं यह जानकारी घर से ही ले ली जाएगी।
जैसा कि वकील ने कहा, बड़ी तादाद में हम लोग मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल और मैरिज गार्डन जाते हैं।
बहुत खर्चा भी करते हैं।
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत 2026 तक अमेरिका और चीन के बाद सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने वाला है।
2030 तक मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के कारण उपभोक्ता खर्च 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
डिजिटल भुगतान ने जो सुविधा दी है, उससे हम खर्चों में और बेतकल्लुफ हो गए हैं।
साल 2024 तक वित्त वर्ष में खुदरा डिजिटल भुगतान 14 हजार 726 करोड़ हो गया, जो वर्ष 2013 में 162 करोड़ ही था।
गर्व का विषय बनी हमारी 4.3 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी में उत्पादों, सेवाओं की मांग और उपभोक्ता का खर्च सबसे महत्वपूर्ण है।
यह सब ठीक है।
बाहर निकलने से अर्थव्यवस्था वंदे भारत की रफ्तार से दौड़ती है लेकिन जाम…।
घर में रहिए।
15 अगस्त करीब आ रहा है।
घर-घर तिरंगा सजाइए।
सड़क पर जाम मत लगाइए, भारत के लोगो।
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Posted on 02 July 2025 | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.