मराठी भाषा विवाद: उद्धव-राज का ऐतिहासिक सम्मेलन; क्या केंद्र सरकार पर होगा असर? Maharashtra Leaders Oppose Hindi Imposition
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मराठी भाषा विवाद: उद्धव-राज का ऐतिहासिक सम्मेलन; क्या केंद्र सरकार पर होगा असर? Maharashtra Leaders Oppose Hindi Imposition
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में हिंदी थोपने के विरोध में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने संयुक्त मोर्चा खोला है।
शनिवार को मुंबई में आयोजित एक विशाल रैली में, दोनों नेताओं ने लगभग 48 मिनट तक अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार की तीन भाषा फॉर्मूले की नीति पर सवाल उठाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी भाषा के प्रति उनका कोई विरोध नहीं है, परंतु इसे जबरदस्ती थोपा जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज ठाकरे ने 25 मिनट के अपने भाषण में, केंद्र सरकार और भाजपा पर कड़ा प्रहार किया, जबकि उद्धव ठाकरे ने 24 मिनट के अपने भाषण में मराठी भाषा के महत्व और उसकी रक्षा के लिए संघर्ष करने की बात कही।
दोनों नेताओं का यह संयुक्त मंच 20 साल बाद देखने को मिला, जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है।
यह रैली महाराष्ट्र की भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसका असर देश की राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है।
इस मुद्दे ने राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है और सरकार पर मराठी भाषा के प्रति अपनी नीति पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ाया है।
भारत के विभिन्न राज्यों में भाषाओं के प्रति सरकार की नीति और उससे जुड़े विवादों पर बहस जारी है।
यह घटना देश के भाषा विवादों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है।
इस रैली ने यह भी साबित कर दिया कि दोनों नेता, भले ही अलग-अलग राजनीतिक दलों के हों, महाराष्ट्र की संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए एकजुट हो सकते हैं।
- उद्धव और राज ठाकरे ने हिंदी थोपने का विरोध किया।
- मराठी भाषा की रक्षा के लिए दोनों नेताओं ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया।
- केंद्र सरकार की भाषा नीति पर दोनों नेताओं ने सवाल उठाए।
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Posted on 05 July 2025 | Check HeadlinesNow.com for more coverage.