हैरान करने वाला नवतपा: रोहिणी नक्षत्र, ज्योतिष, और मान्यताएँ
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हैरान करने वाला नवतपा: रोहिणी नक्षत्र, ज्योतिष, और मान्यताएँ

हैरान करने वाला नवतपा: रोहिणी नक्षत्र, ज्योतिष, और मान्यताएँ
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, 25 मई से 2 जून तक नवतपा का प्रभाव रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से नवतपा आरंभ होता है, जिसे रोहिणी का तपन भी कहा जाता है।
यह नौ दिवसीय काल अत्यधिक गर्मी के लिए जाना जाता है, परंतु इस वर्ष मानसून के जल्दी आगमन से कई क्षेत्रों को राहत मिल सकती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, नवतपा सूर्य के तपन का नौ दिवसीय काल है।
इस अवधि से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएँ प्रचलित हैं; ग्रामीण क्षेत्रों में किसान नवतपा के मौसम का अवलोकन कर वर्षा का पूर्वानुमान लगाते हैं।
नवतपा में दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं।
एक प्रचलित मान्यता यह है कि अधिक गर्मी से अच्छी वर्षा होती है, जबकि कम गर्मी अशुभ मानी जाती है।
नवतपा को मानसून का गर्भकाल भी कहा जाता है।
अगस्त्य तारे के अस्त होने के बाद, वर्षा ऋतु के लिए वातावरण बनने लगता है, और नवतपा इसी परिवर्तन का प्रतीक है।
इस अवधि में बाल गोपाल को चंदन का लेप लगाने और शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाने का भी विधान है, जो धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है।
यह नौ दिनों का काल, हिन्दू धर्म, ज्योतिष शास्त्र और कृषि से गहराई से जुड़ा है।
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Posted on 25 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Follow HeadlinesNow.com for the latest updates.