चातुर्मास 6 जुलाई से: देवशयनी एकादशी पूजा, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ कार्य Devshayani Ekadashi Marks Chaturmas Start
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चातुर्मास 6 जुलाई से: देवशयनी एकादशी पूजा, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ कार्य Devshayani Ekadashi Marks Chaturmas Start
हेडलाइंसनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष एकादशी, देवशयनी एकादशी, 6 जुलाई को पड़ रही है।
इस दिन से चातुर्मास का प्रारंभ होता है, जो चार महीने तक चलता है।
इस पावन अवसर पर भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं और देवतागण विश्राम करते हैं, जिससे सृष्टि का भार भगवान शिव पर आ जाता है।
चातुर्मास का काल आध्यात्मिक साधना, भक्ति और परोपकार के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह समय भगवान के प्रति समर्पण और आत्म-चिंतन के लिए आदर्श है।
मंदिरों में विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है, और श्रद्धालु भगवान विष्णु की आराधना करते हुए धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
तीर्थयात्राएँ भी इस अवधि में लोकप्रिय होती हैं, जहाँ श्रद्धालु विभिन्न तीर्थस्थलों पर जाकर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु का अभिषेक करना और उनके साथ महालक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
यह अवधि धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति समर्पण को बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।
चातुर्मास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य स्थगित रहते हैं और देवउठनी एकादशी (1 नवंबर) के पश्चात् पुनः प्रारंभ होते हैं।
इस प्रकार, चातुर्मास धर्म, आध्यात्मिकता और परोपकार का एक महत्वपूर्ण काल है जो भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक समृद्धि लाता है।
- देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को
- चातुर्मास में धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व
- भगवान विष्णु का योगनिद्रा में प्रवेश
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Posted on 06 July 2025 | Keep reading HeadlinesNow.com for news updates.