फिल्म 'मां को लात-घूंसे खाते हुए मैंने देखा':शाइनी दोशी के पिता करते थे घरेलू हिंसा, डर से कमरे में खुद को बंद कर लेती थीं एक्ट्रेस
Star spotlight:
फिल्म 'मां को लात-घूंसे खाते हुए मैंने देखा':शाइनी दोशी के पिता करते थे घरेलू हिंसा, डर से कमरे में खुद को बंद कर लेती थीं एक्ट्रेस

फिल्म 'मां को लात-घूंसे खाते हुए मैंने देखा':शाइनी दोशी के पिता करते थे घरेलू हिंसा, डर से कमरे में खुद को बंद कर लेती थीं एक्ट्रेस
मुख्य विवरण
टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस शाइनी दोशी ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर के शुरुआती संघर्षों से लेकर शादी और निजी जिंदगी के तमाम पहलुओं पर बात की है।
मैं डॉक्टर बनना चाहती थी सिद्धार्थ कन्नन के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में शाइनी दोशी ने बताया कि एक्टिंग की दुनिया में कदम रखना उनके लिए आसान नहीं था।
उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के खुद को इस इंडस्ट्री में स्थापित किया और किन चुनौतियों का सामना किया।
शाइनी ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो एक्ट्रेस बनेंगी।
शाइनी ने कहा, "मां हमेशा चाहती थीं कि मैं एक्ट्रेस बनूं।
मैं चाहती थी कि मैं डॉक्टर बनूं।
उन्होंने आगे कहा, "मैंने छोटे-छोटे रोल्स से शुरुआत की।
लोग मुझे 'सरस्वतीचंद्र' और 'जमाई राजा' जैसे शोज से पहचानने लगे।
हर प्रोजेक्ट में मैंने अपने रोल के साथ न्याय करने की कोशिश की और दर्शकों का प्यार भी मिला।
यही मेरी असली सफलता है।
" करियर के साथ-साथ शाइनी ने अपनी पर्सनल लाइफ पर भी खुलकर बात की।
उन्होंने कहा, "आज मेरी शादी हो चुकी है।
मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते हैं।
मुझे वो बहुत सिक्यर्ड फील करवाते हैं।
पिता मां के साथ करते थे घरेलू हिंसा शाइनी ने बताया कि उनका बचपन बहुत खूबसूरत नहीं था।
उन्होंने बताया कि उनकी पापा उनकी मां के साथ घरेलू हिंसा करते।
उन्होंने कहा, 'मेरे पापा मेरी मां पर हाथ उठाते थे।
मेरी मां ने लातें-घूंसे खाई हैं और मैं ये सब अपनी आंखों से देखती थी।
उस वक्त बहुत डर लगता था।
विशेष जानकारी
इसलिए मैं खुद को अपने कमरे में बंद कर लेती थी।
मैं बच्ची थी, लेकिन सब देखती थी।
पापा ने हमें छोड़ दिया था।
मुझे अपनी स्कूल और कॉलेज की फीस खुद जुटानी पड़ी।
कोई नहीं था हमें संभालने वाला।
उस वक्त मुझे बेटे की तरह परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ी।
' फैमिली ने कहा- 'ये एक्ट्रेस नहीं, प्रॉस्टिट्यूट है' शाइनी ने बताया कि जब उन्होंने मॉडलिंग और एक्टिंग शुरू की, तो अपने ही परिवार के लोगों से ताने सुनने पड़े।
उन्होंने बताया कि मेरे खुद के फैमिली मेंबर्स ने मुझे प्रॉस्टिट्यूट कहा।
उन्होंने कहा कि इसकी मां इसे एक्टिंग करवा रही है, ये तो मॉडलिंग करती है, ये तो प्रॉस्टिट्यूट होगी।
पर मैंने कभी जवाब नहीं दिया।
मेरी सफलता ही मेरा जवाब बनी।
जब सरस्वती चंद्र टीवी पर आया, तब सबके मुंह बंद हो गए।
शाइनी ने यह भी खुलासा किया कि जब वह 16 साल की थीं तो उनके पिता ने उन्हें प्रॉस्टिट्यूट कहा था।
उन्होंने कहा, 'मेरी प्रिंट शूटिंग अहमदाबाद में काफी देर से चलती थी - कभी कभी 2 या 3 बजे रात को पैक-अप होता था।
मां हर शूट में मेरे साथ होती थी, तब मैं सिर्फ 16 साल की थी और जब हम घर आए थे, तो ऐसा नहीं था कि वो पूछते, 'तुम ठीक हो? सेफ हो?' वो खराब शब्द बोलते थे - जैसे, 'रात के 3 बजे तक बेटी को ले जा रही हो?' धंधा करवाने ले जा रही हो क्या?' 'सरस्वती चंद्र' से मिली पहचान 2012 में शाइनी मुंबई आईं।
उनके पास बैंक अकाउंट में सिर्फ 15,000 रुपये थे।
मॉडलिंग में अहमदाबाद के छोटे-छोटे ऐड से शुरुआत की थी।
₹3000 पर डे शूट के लिए काम किया।
फिर संजय लीला भंसाली का शो ‘सरस्वती चंद्र’ मिला और इसी शो से उन्हें पहचान मिली।
Related: Education Updates
Posted on 13 May 2025 | Source: Dainik Bhaskar | Check HeadlinesNow.com for more coverage.
Post a Comment