गुड न्यूज! अब कम हो रही हैं डिलीवरी के बाद बच्चों की मौत, मां भी सेफ
Health tip:
गुड न्यूज! अब कम हो रही हैं डिलीवरी के बाद बच्चों की मौत, मां भी सेफ

<div align="left"> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"><strong>SDG India Progress:</strong> भारत में अब मां और बच्चे की जिंदगी पहले से ज्यादा सुरक्षित हो चुकी है. सरकार की कोशिशों, बेहतर इलाज और लोगों की बढ़ती जागरूकता की वजह से अब हालात पहले से काफी ज्यादा सुधर चुके हैं. नई सरकारी रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ सालों में अस्पतालों में सेफ डिलीवरी, मुफ्त इलाज और बच्चों की देखभाल से अब मौतों के आंकड़ों में लगातार गिरावट आई है. भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है जो दुनिया से तेज रफ्तार में इस दिशा में सुधार कर रहे हैं.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr"><strong>नई रिपोर्ट क्या कहती है</strong></p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">7 मई 2025 को रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, 2014–16 में देश में हर 1 लाख डिलीवरी में पहले जहां 130 महिलाओं की जान जाती थी, 2019–21 यह आंकड़ा घटकर 93 पर आ गया है. यानी इसमें जबरदस्त सुधार हुआ है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr"><strong>बच्चों की मौतों में भारी कमी</strong></p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">1. रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ माओं की नहीं, बल्कि छोटे बच्चों की ज़िंदगी भी अब पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गई है. हर 1000 पर 1 साल से छोटे बच्चों की मौत 2014 में 39 थी, अब घटकर 27 हो गई है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">2. जन्म के कुछ दिनों में जान जाने वाले बच्चों का आंकड़ा पहले 26 था, अब 19 रह गया है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">3. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत 2014 में 45 थी, अब सिर्फ 31 रह गई है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">4. बच्चे पैदा करने का औसत आंकड़ा (TFR) अब 2.0 पर आ गया है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">5. जन्म के समय लड़कियों की संख्या भी सुधरी है. पहले ये 899 थी और अब 913 पर आ गई है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr"><strong>कौन से राज्य सबसे आगे</strong></p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">कुछ राज्य में हालात काफी ज्यादा बेहतर हुए हैं. केरल (20), महाराष्ट्र (38), तमिलनाडु (49) जैसे 8 राज्यों ने पहले ही टारगेट पूरा कर लिया है. 12 राज्य और यूनियन टेरिटरी में छोटे बच्चों की मौतें अब तय सीमा से भी कम हैं. 6 राज्य और UTs में नवजात बच्चों की मौतें भी अब बहुत कम हो गई हैं. 1990 से लेकर अब तक भारत ने मां और बच्चों की जान बचाने के मामले में 80% से ज्यादा सुधार किया है, जबकि पूरी दुनिया का औसत सिर्फ 48% है. यानी भारत की रफ्तार बाकी दुनिया से कहीं तेज है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr"><strong>सरकार की योजनाओं का बड़ा रोल</strong></p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">भारत में यह सुधार यूं ही नहीं हुआ है, इसके पीछे सरकार की कई योजनाएं हैं, इनमें आयुष्मान भारत योजना, गर्भवती महिलाओं के लिए खास सुविधाएं और बेहतर इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं. इनका काफी ज्यादा असर पड़ा है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">आयुष्मान भारत योजना- हर परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री मिलता है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">गर्भवती महिलाओं के लिए खास सुविधा- अस्पताल में डिलीवरी, दवाइयां, टेस्ट, पोषण की मदद...ये सब फ्री दिया जा रहा है.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">बेहतर इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर- कई जगहों पर अब खास अस्पताल, मां-बच्चे की देखभाल यूनिट, वेटिंग रूम, HDU/ICU और नवजात बच्चों की यूनिट्स बनाए गए हैं.</p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr"><strong>अवेयरनेस बढ़ रही है</strong></p> </div> <div style="text-align: justify;" align="left"> <p dir="ltr">रिपोर्ट के मुताबिक, अब महिलाएं और परिवार अस्पताल में इलाज को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो चुके हैं. सरकारी सुविधाएं ज्यादा लोगों तक पहुंच रही हैं और उसका असर आंकड़ों में साफ दिख रहा है. अगर इसी रफ्तार से भारत चलता रहा, तो जल्द ही वो दिन आएगा जब डिलीवरी और बच्चों की मौत के डर को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.</p> </div> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. </strong></p> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें : <a title="पूरी तरह शुगर छोड़ने के फायदे तो जान गए होंगे, अब जान लीजिए क्या है इसके नुकसान" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-tips-side-effects-of-quitting-sugar-completely-in-hindi-2936516/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp" target="_blank" rel="noopener">पूरी तरह शुगर छोड़ने के फायदे तो जान गए होंगे, अब जान लीजिए क्या है इसके नुकसान</a></strong></p> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"> </p> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"> </p>
Posted on 11 May 2025 | Check HeadlinesNow.com for more coverage.
Post a Comment